NCERT का छात्रों को लेकर चौंकाने वाला खुलासा, इस वजह से सबसे ज्यादा टेंशन में रहते हैं स्टूडेंट
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NCERT का छात्रों को लेकर चौंकाने वाला खुलासा, इस वजह से सबसे ज्यादा टेंशन में रहते हैं स्टूडेंट

NCERT Survey: एनसीईआरटी ने 36 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के 3.79 लाख छात्रों को इस सर्वेक्षण (Survey) में शामिल किया, जिसमें पता चला कि पढ़ाई, परीक्षा और परिणाम स्कूली छात्रों में चिंता का प्रमुख कारण हैं.

NCERT का छात्रों को लेकर चौंकाने वाला खुलासा, इस वजह से सबसे ज्यादा टेंशन में रहते हैं स्टूडेंट

Anxiety in School Students: राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने छात्रों को लेकर चौंकाने वाला खुलासा किया है और बताया है कि 33 प्रतिशत से अधिक छात्र ज्यादातर दबाव में रहते हैं. एनसीईआरटी द्वारा छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य एवं कल्याण के संबंध में किए गए एक सर्वेक्षण (NCERT Survey) में यह पाया गया है. एनसीईआरटी ने बताया कि पढ़ाई, परीक्षा और परिणाम (Studies, Exams and Results) स्कूली छात्रों में चिंता का प्रमुख कारण हैं.

45 प्रतिशत छात्र शारीरिक बनावट से असंतुष्ट

एनसीईआरटी सर्वेक्षण (NCERT Survey) में पाया गया है कि कम से कम 73 प्रतिशत छात्र अपने स्कूली जीवन से संतुष्ट हैं, जबकि 45 प्रतिशत से अधिक छात्र अपनी शारीरिक बनावट को लेकर असंतुष्ट है. एनसीईआरटी ने कहा कि नाम वाले कॉलम को वैकल्पिक बनाकर प्रतिभागियों की निजता सुनिश्चित की गई, ताकि छात्र सहजता से और स्वतंत्र तरीके से जवाब दे सकें.

इस वजह से एनसीईआरटी ने किया सर्वे

एनसीईआरटी (NCERT) ने 36 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के 3.79 लाख छात्रों को इस सर्वेक्षण (Survey) में शामिल किया और बताया कि 'मनोदर्पण प्रकोष्ठ' द्वारा मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण से संबंधित पहलुओं पर स्कूली छात्रों के नजरिए को समझने के लिए सर्वेक्षण किया. इसमें जनवरी से मार्च 2022 के बीच मध्य स्तर (छठी से आठवीं) और माध्यमिक स्तर (नौवीं से 12वीं कक्षा तक) के छात्र-छात्रों को शामिल किया गया.

एनसीईआरटी सर्वे में हुए ये चौंकाने वाले खुलासे

सर्वे रिपोर्ट में कहा गया, 'जब छात्र मध्य से माध्यमिक स्तर में प्रवेश करते हैं, तब उनके पर्सनल और स्कूली जीवन संबंधी संतुष्टि में गिरावट पाई गई. स्टूडेंट छात्र माध्यमिक स्तर में पहचान संबंधी संकट, रिश्तों के प्रति संवेदनशीलता में वृद्धि, साथियों का दबाव, बोर्ड परीक्षा का डर, भविष्य में एडमिशन और करियर को लेकर होने वाली चिंताओं और अनिश्चितता आदि चुनौतियों से जूझते हैं.'

81 प्रतिशत छात्रों ने बताया चिंता का कारण

सर्वेक्षण में भाग लेने वाले 81 प्रतिशत छात्रों ने पढ़ाई, परीक्षा और परिणामों को चिंता का प्रमुख कारण बताया. कम से कम 43 प्रतिशत छात्रों ने माना कि वे परिवर्तनों के अनुसार स्वयं को जल्द ढालने में सक्षम रहे और माध्यमिक स्तर (41 प्रतिशत) के छात्रों की तुलना में मध्य स्तर (46 प्रतिशत) के छात्रों की प्रतिक्रिया अधिक थी.

51 प्रतिशत छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाई में कठिनाई

एनसीईआरटी सर्वे (NCERT Survey) के अनुसार, कुल 51 प्रतिशत छात्रों को ऑनलाइन तरीके से पढ़ाई करने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है, जबकि 28 प्रतिशत छात्रों को प्रश्न पूछने में झिझक होती है. सर्वे में पाया गया कि तनाव से निपटने के लिए छात्रों ने जिन रणनीतियों को सर्वाधिक अपनाया, उनमें योग और ध्यान, सोचने के तरीके को बदलने का प्रयास करना और पत्रिकाओं में लिखना प्रमुख रहीं.
(इनपुट- न्यूज एजेंसी भाषा)

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