Degree from Russia: अपनी डिग्रियों को भारत में मान्यता दिलाना चाहता है रूस, 8,000 से ज्यादा नए वीजा जारी
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Degree from Russia: अपनी डिग्रियों को भारत में मान्यता दिलाना चाहता है रूस, 8,000 से ज्यादा नए वीजा जारी

Medical Education in Russia: रूसी सरकार ने हाल ही में रूस के सोची में एक वर्ल्ड यूथ फेस्टिवल की मेजबानी की, जिसमें 100 से ज्यादा देशों के पार्टिसिपेंट्स थे और भारत से 360 मेंबर्स का प्रतिनिधिमंडल भी शामिल था. 

Degree from Russia: अपनी डिग्रियों को भारत में मान्यता दिलाना चाहता है रूस, 8,000 से ज्यादा नए वीजा जारी

Education Certificate Validity: रूस की यूनिवर्सिटीज में 25,000 से ज्यादा इंडियन स्टूडेंट्स पढ़ाई कर रहे हैं. कई अन्य कोर्सेज के अलावा सबसे पॉपुलर कोर्स  मैडिकल और इंजीनियरिंग के हैं. भारत में रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव ने कहा, "किसी भी देश में डॉक्टरों जैसे प्रोफेशन के लिए बिना किसी एक्स्ट्रा कोर्स किए प्रैक्टिस शुरू करना मुमकिन बनाया जाएगा. रूस में 25,000 से ज्यादा इंडियन स्टूडेंट्स पढ़ाई कर रहे हैं और संख्या लगातार बढ़ रही है. 2023 में हमने भारतीय छात्रों के लिए 8,000 से अधिक नए वीजा जारी किए. हमें उम्मीद है कि हम भारत के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर करने में सक्षम होंगे जिसमें हमारी डिग्री को मान्यता दी जाएगी. 

पहले मिलती थी मान्यता

यूएसएसआर के अलग अलग देशों में बंटा होने से पहले, उनकी डिग्रियों को भारत में मान्यता दी जाती थी और कई भारतीय छात्र मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए यूएसएसआर में जाना पसंद करते थे.

भारत का प्रतिनिधिमंडल

इस बीच, रूसी सरकार ने हाल ही में रूस के सोची में एक वर्ल्ड यूथ फेस्टिवल की मेजबानी की, जिसमें 100 से ज्यादा देशों के पार्टिसिपेंट्स थे और भारत से 360 मेंबर्स का प्रतिनिधिमंडल भी शामिल था. आखिरी WYF 2017 में आयोजित किया गया था.

राजदूत अलीपोव ने कहा, "प्रोग्राम में इंडियन फ्लैग सबसे ज्यादा पहचाने जाने वाले झंडों में से एक था और स्थानीय रूसियों ने पुरानी फिल्मों और गानों के किस्सों के साथ भारतीय डेलिगेशन का स्वागत किया." रूसी संघ के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रतिनिधिमंडल के कुछ सदस्यों के साथ बातचीत करते हुए कहा था कि "भारत और रूस सदाबहार दोस्त हैं."

पिछले साल हुई थी उच्च स्तरीय यात्रा

भारत की ओर से रूस की आखिरी उच्च स्तरीय यात्रा पिछले साल दिसंबर में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर की थी, जहां उन्होंने राष्ट्रपति पुतिन से भी मुलाकात की थी और इस साल भारत-रूसी शिखर सम्मेलन को फिर से शुरू करने पर चर्चा हुई थी.

हम भारत के साथ एक समझौते पर पहुंचने को लेकर आशावादी हैं जो हमारी डिग्रियों की पारस्परिक मान्यता सुनिश्चित करेगा, जिससे डॉक्टरों जैसे प्रोफेशन को आगे के कोर्स की जरूरत के बिना प्रक्टिस शुरू करने की इजाजत मिलेगी.

अभी क्या है भारत में नियम 

विदेश से पढ़ाई के बाद भारत में डॉक्टरी की प्रैक्टिस करने के लिए इन स्टूडेंट्स को एफएमजीई परीक्षा पास करनी पड़ती है.

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