Rupee Vs Dollar: 85.53 के ऑल टाइम लो पर रुपया, एक्‍सपर्ट से जान‍िए-लगातार क्‍यों प‍िट रही भारतीय मुद्रा
Advertisement
trendingNow12578039

Rupee Vs Dollar: 85.53 के ऑल टाइम लो पर रुपया, एक्‍सपर्ट से जान‍िए-लगातार क्‍यों प‍िट रही भारतीय मुद्रा

INR in USD: इंटरबैंक फॉरेन एक्‍सचेंज मार्केट में रुपया शुक्रवार को 85.31 पर ग‍िरकर खुला और एक समय 53 पैसे गिरकर 85.80 के ऑल टाइम लो पर पहुंच गया. बाद में यह संभला और अंत में डॉलर के मुकाबले 85.53 पर बंद हुआ. 

Rupee Vs Dollar: 85.53 के ऑल टाइम लो पर रुपया, एक्‍सपर्ट से जान‍िए-लगातार क्‍यों प‍िट रही भारतीय मुद्रा

Rupee Vs Dollar: लर के मुकाबले भारतीय रुपये में चल रहा ग‍िरावट का स‍िलस‍िला थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक द‍िन पहले शुक्रवार को रुपया अपने अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया. यह डॉलर के मुकाबले 85.26 से गिरकर 85.53 पर बंद हुआ. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार शुक्रवार के दौरान यह कुछ समय के लिए ग‍िरकर 85.80 के इंट्राडे लो तक चला गया. यह प‍िछले करीब दो साल में रुपये की सबसे तेज गिरावट है. जानकारों का कहना है महीने के अंत में बैंकों और आयातकों की तरफ से डॉलर की मांग बढ़ने से रुपये पर दबाव बढ़ा है.

85.80 के ऑल टाइम लो पर पहुंचा रुपया

डॉलर के मजबूत रुख से रुपया नीचे आया है. इसके अलावा फॉरेन एक्‍सचेंज की निकासी जारी रहने और क्रूड ऑयल की कीमत बढ़ने से भी रुपये पर दबाव पड़ा. अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया शुक्रवार को 85.31 के भाव पर ग‍िरकर खुला और एक समय 53 पैसे गिरकर 85.80 के ऑल टाइम लो पर पहुंच गया. हालांकि बाद में यह थोड़ा संभला और आख‍िर में रुपया डॉलर के मुकाबले 85.53 पर बंद हुआ. एक द‍िन पहले गुरुवार को रुपया 85.27 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था.

दो साल की सबसे बड़ी ग‍िरावट
रुपये में इससे पहले एक कारोबारी सत्र के दौरान 68 पैसे की सबसे बड़ी गिरावट 2 फरवरी, 2023 को आई थी. रेलिगेयर ब्रोकिंग ल‍िमिटेड के सीन‍ियर वाइस प्रेसीडेंट अजीत मिश्रा ने कहा कि अमेरिकी बॉन्ड र‍िवॉर्ड बढ़ने से डॉलर का आकर्षण बढ़ा है. इसके फलस्‍वरूप रुपये में गिरावट आई है. इसके अलावा विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) अपना इनवेस्‍टमेंट भारतीय शेयर बाजार से न‍िकाल रहे हैं. इसका भी रुपये पर दबाव पड़ा है. पिछले कुछ हफ्तों में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया करीब हर दिन नए निचले लेवल को छू रहा है.

एक्‍सपर्ट की राय
सीआर फॉरेक्स एडवाइजर्स के एमडी अमित पाबारी ने कहा, 'रिजर्व बैंक के पास दिसंबर और जनवरी में मैच्‍योर होने वाले वायदा अनुबंधों में 21 अरब डॉलर हैं. बाजार की अटकलों से पता चलता है कि आरबीआई ने इन मैच्‍योर कॉन्‍ट्रैक्‍ट को आगे बढ़ाने से परहेज किया है, जिससे डॉलर की कमी और रुपये की ज्‍यादा सप्‍लाई हो रही है. मिराए एसेट शेयरखान के र‍िसर्च एनाल‍िस्‍ट अनुज चौधरी ने कहा महीने के अंत में आयातकों की तरफ से डॉलर की मांग और एफआईआई (FII) की तरफ से निकासी किए जाने से रुपया रिकॉर्ड लो लेवल पर पहुंच गया है. चौधरी ने कहा, 'अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल और क्रूड ऑयल की कीमत बढ़ने से भी रुपये पर दबाव बढ़ रहा है. अमेरिकी डॉलर और रुपये का हाजिर भाव 85.30 रुपये से 85.85 रुपये के बीच रहने का अनुमान है.'

डॉलर इंडेक्स फ्यूचर्स बढ़कर 107.94 पर पहुंचा
दूसरी तरफ दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को आंकने वाला डॉलर इंडेक्स फ्यूचर्स 0.04 प्रतिशत बढ़कर 107.94 पर कारोबार कर रहा था. 10 साल के बॉन्ड का र‍िवॉर्ड 0.76 प्रतिशत बढ़कर सात महीने के र‍िकॉर्ड हाई लेवल 4.61 प्रतिशत पर पहुंच गया. शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) ने गुरुवार को 2,376.67 करोड़ के शेयरों की बिकवाली की.

क्‍यों गिर रहा रुपया?
अमेरिकी डॉलर की मजबूती से रुपये में ग‍िरावट आती है. डॉलर के मजबूत होने से अन्य मुद्राएं ज‍िसमें रुपया भी शामिल है, कमजोर हो जाती हैं. यह अक्सर अमेरिकी फेड रिजर्व की तरफ से ब्याज दर में वृद्धि या अन्य नीतिगत बदलाव के कारण होता है. क्रूड ऑयल की कीमत बढ़ने से रुपये कमजोर होता है. भारत एक बड़ा तेल आयातक देश है, जब क्रूड की कीमतें बढ़ती हैं तो हमें तेल खरीदने के लिए ज्‍यादा डॉलर का भुगतान करना होता है, जिससे रुपये पर दबाव बढ़ता है. इसके अलावा विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजार से अपना पैसा निकालते हैं तो वे रुपये को डॉलर में बदलते हैं. इससे रुपये की मांग कम हो जाती है और इसका मूल्य गिर जाता है. 

TAGS

Trending news