Banking System: क्‍या थी वो गलती ज‍िससे UCO Bank के खाताधारकों की हुई मौज? खाते में आ गए करोड़ों रुपये
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Banking System: क्‍या थी वो गलती ज‍िससे UCO Bank के खाताधारकों की हुई मौज? खाते में आ गए करोड़ों रुपये

UCO Bank बैंकिंग लेनदेन जितना सावधानी से किया जाए उतना बेहतर है. वहीं अब एक बैंक से जुड़ा ही बड़ा मामला सामने आया है, जिसमें करोड़ों रुपया लोगों के खाते में चला गया. आइए जानते हैं इसके बारे में...

Banking System: क्‍या थी वो गलती ज‍िससे UCO Bank के खाताधारकों की हुई मौज? खाते में आ गए करोड़ों रुपये

UCO Bank: कई बार तकनीकी दिक्कतों के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. वहीं हाल ही में तकनीकी गड़बड़ी के कारण यूको बैंक को भी बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ा है. दरअसल, तकनीकी दिक्कत के कारण बैंक के रुपये दूसरे लोगों के बैंक खाते में चले गए. जिससे बैंक को भारी समस्या का सामना करना पड़ा है. ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर इतनी बड़ी गलती कैसे हो गई.

बैंक के सामने आई समस्या

बताया जा रहा है कि किसी तकनीकी गड़बड़ी के कारण तत्काल भुगतान सेवा के माध्यम से बैंक को दिक्कत का सामना करना पड़ा. इसके कारण गलती से लोगों के पास पैसा पहुंच गया. इसके कारण लोगों के खातों में करीब 800 करोड़ रुपये से भी ज्यादा की राशि चली गई. हालांकि बैंक को जल्दी ही अपनी गलती का पता भी चल गया और बैंक ने इस अमाउंट को रिकवर करना भी शुरू कर दिया. यह घटना 10-13 नवंबर के बीच सामने आई थी.

बैंकिंग लेनदेन

मामले में सामने आया कि यूको बैंक में लेनदेन तब हुआ जब अन्य बैंकों के ग्राहकों ने यूको बैंक के ग्राहकों के लिए ट्रांसफर करना शुरू किया और यूको बैंक के सिस्टम ने तकनीकी खराबी के कारण बैंकों को "लेनदेन विफल" संदेश भेजा. इसके कारण ही सारी गड़बड़ी हुई. IMPS में आई समस्या के कारण अन्य बैंकों के खाताधारकों के जरिए शुरू किए गए कुछ लेनदेन के कारण यूको बैंक के खाताधारकों को इनसे पैसे की वास्तविक प्राप्ति के बिना ही क्रेडिट मिल गया था.

ध्यान रखें ये बात

इसके बाद IMPS माध्यम को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया और राशि की वसूली की गई. अभी तक करीब 80 फीसदी राशि की वसूली की बात सामने आई है. वहीं किसी खाताधारक के पास अनचाहा अमाउंट खाते में आ जाए तो सबसे पहले उसे बैंक को सूचित करना चाहिए. इसके बाद ध्यान रखें कि इस पैसे को निकालें नहीं, क्योंकि यह कानूनी रूप से किसी और का है. इसके कारण कानूनी प्रक्रिया का सामना भी करना पड़ सकता है और किसी भी अर्जित ब्याज के साथ गलत आवंटित राशि चुकाने की बाध्यता भी शामिल है.

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