PPF Scheme: पीपीएफ स्कीम केंद्र सरकार के अधीन है. इस स्कीम में 15 सालों तक इंवेस्टमेंट किया जा सकता है और 15 साल बाद इसकी मैच्योरिटी होती है. केंद्र सरकार पीपीएफ के जरिए आम लोगों को इंवेस्टमेंट और सेविंग का मौका उपलब्ध करवाती है.
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PPF Scheme: सरकार की ओर से कई स्कीम चलाई जा रही है. इन स्कीमों के जरिए सरकार लोगों को अलग-अलग फायदे मुहैया करवा रही है. वहीं इनमें एक स्कीम पीपीएफ की भी है. सरकार की ओर से लोगों को पीपीएफ स्कीम के जरिए फायदा मुहैया करवाया जाता है. हालांकि लोग अगर पीपीएफ स्कीम में पैसा इंवेस्ट करते हैं तो कुछ बातों का काफी ध्यान भी रखा जाना जरूरी है. इनमें से एक जरूरी बात पीपीएफ पर दिया जाने वाला ब्याज है.
पीपीएफ स्कीम
पीपीएफ स्कीम केंद्र सरकार के अधीन है. इस स्कीम में 15 सालों तक इंवेस्टमेंट किया जा सकता है और 15 साल बाद इसकी मैच्योरिटी होती है. केंद्र सरकार पीपीएफ के जरिए आम लोगों को इंवेस्टमेंट और सेविंग का मौका उपलब्ध करवाती है. इसके साथ ही केंद्र सरकार की ओर से पीपीएफ पर दी जाने वाले ब्याज दर निर्धारित की जाती है. बता दें कि पीपीएफ के जरिए सालाना तौर पर फिलहाल 7.1 फीसदी का ब्याज दिया जा रहा है.
पीपीएफ स्कीम में ब्याज की समीक्षा
वहीं पीपीएफ स्कीम में पैसा लगाने वालों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि पीपीएफ स्कीम में हर तीन महीने में ब्याज दर की समीक्षा की जाती है. सरकार को अगर समीक्षा के बाद लगता है कि पीपीएफ स्कीम की ब्याज दर में बदलाव किया जाना चाहिए, तो सरकार की ओर से वह कदम भी उठाया जा सकता है.
इंवेस्टमेंट
इसके साथ ही पीपीएफ स्कीम पर लोग एक वित्त वर्ष में अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक का इंवेस्टमेंट कर सकते हैं. वहीं हर वित्त वर्ष में मिनिमम तौर पर लोगों को 500 रुपये का इंवेस्टमेंट जरूर करना होता है, अगर मिनिमम इंवेस्टमेंट नहीं किया गया तो अकाउंट डोरमेंट हो सकता है. ऐसे में पीपीएफ स्कीम में कितना निवेश जरूरी है, इसका भी ध्यान रखें.
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