Repo Rate: क्रेडाई ने कहा कि इससे बिल्डरों और ग्राहकों के लिए होन महंगा हो जाएगा. आने वाले समय में घरों की बिक्री प्रभावित होगी. अमेरिका समेत ज्यादातर देशों के केंद्रीय बैंक दरों में बढ़ोतरी कर रहे हैं.
Trending Photos
Reserve Bank of India: कनफेडेरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (CREDAI) की तरफ से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) से गुजारिश की गई है. रियल्टी कंपनियों के शीर्ष निकाय क्रेडाई (CREDAI) ने आरबीआई (RBI) से एमपीसी में रेपो रेट में इजाफा नहीं करने की बात कही है. क्रेडाई ने कहा कि इससे बिल्डरों और ग्राहकों के लिए कर्ज महंगा हो जाएगा और आने वाले समय में घरों की बिक्री प्रभावित होगी. अमेरिका समेत ज्यादातर देशों के केंद्रीय बैंक दरों में बढ़ोतरी कर रहे हैं, इसके अलावा घरेलू स्तर पर खुदरा मुद्रास्फीति केंद्रीय बैंक के संतोषजनक स्तर 6 प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है.
होम लोन महंगा होने से बिक्री प्रभावित होगी
उद्योग के विशेषज्ञों का मानना है कि आरबीआई (RBI) छह अप्रैल को मौद्रिक नीति की समीक्षा में रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि करने का फैसला ले सकता है. क्रेडाई (CREDAI) ने आरबीआई (RBI) से अनुरोध किया कि रेपो रेट में और वृद्धि नहीं की जाए क्योंकि इससे दाम बढ़ेंगे और होम लोन की दरों में वृद्धि से बिक्री प्रभावित होगी. क्रेडाई ने कहा कि बीते एक साल में रेपो रेट चार से बढ़कर 6.5 प्रतिशत पर पहुंच गई है और इसमें एक और वृद्धि से कर्ज और महंगा हो जाएगा.
परियोजनाएं पूरी करना कठिन हो जाएगा
क्रेडाई के राष्ट्रीय अध्यक्ष हर्ष वर्धन पटौदिया ने कहा, 'बीते एक साल में, आरबीआई (RBI) द्वारा रेपो रेट में वृद्धि करने से निर्माण लागत बहुत तेजी से बढ़ी है. इससे वित्तीय संकट से पार पाने के लिए संघर्ष कर रहे डेवलपर की परेशानी बढ़ गई है. रेपो रेट में और वृद्धि करने से कुछ परियोजनाएं पूरी करना वित्तीय रूप से कठिन हो जाएगा और होम लोन की दरें सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंचने से घर खरीदार भी पीछे हट जाएंगे.’
क्रेडाई (CREDAI) ने कहा कि इससे रियल एस्टेट बाजार में नरमी आ जाएगी. यह कोविड के बाद के रूझान के उलट होगा जब घरों की खरीद में तेजी आई थी. हाउसिंग डॉट कॉम के सीईओ ध्रुव अग्रवाल ने कहा कि आरबीआई रेपो रेट में मामूली बढ़ोतरी कर सकता है और 2023 के अंत तक दरों में वृद्धि बंद हो सकती है. उन्होंने कहा कि इस कदम का रियल एस्टेट की मांग पर सीमित असर होगा क्योंकि घर खरीदने का फैसला सिर्फ होम लोन की दर पर निर्भर नहीं करता. इसके पीछे कई कारक होते हैं. (Input: PTI)
हिंदी ख़बरों के लिए भारत की पहली पसंद ZeeHindi.com- सबसे पहले, सबसे आगे