Mercedes-Benz ने 12 लाख रुपये तक महंगी की कारें, लेकिन 31 मार्च तक सस्ते में खरीदने का मौका
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Mercedes-Benz ने 12 लाख रुपये तक महंगी की कारें, लेकिन 31 मार्च तक सस्ते में खरीदने का मौका

Mercedes-Benz: मर्सिडीज-बेंज (Mercedes-Benz) ने अपने पूरी मॉडल रेंज की कीमतों में बढ़ोतरी का ऐलान किया है. यह जर्मन लक्जरी कार निर्माता कंपनी 1 अप्रैल, 2023 से अपनी सभी कारों और एसयूवी की एक्स-शोरूम कीमतों में 5 प्रतिशत तक की वृद्धि करेगी.

Mercedes-Benz ने 12 लाख रुपये तक महंगी की कारें, लेकिन 31 मार्च तक सस्ते में खरीदने का मौका

Mercedes-Benz Cars Price Hike: मर्सिडीज-बेंज (Mercedes-Benz) ने अपने पूरी मॉडल रेंज की कीमतों में बढ़ोतरी का ऐलान किया है. यह जर्मन लक्जरी कार निर्माता कंपनी 1 अप्रैल, 2023 से अपनी सभी कारों और एसयूवी की एक्स-शोरूम कीमतों में 5 प्रतिशत तक की वृद्धि करेगी. ऐसे में अब 1 अप्रैल से भारत में Mercedes-Benz कारों की एक्स-शोरूम कीमतें 12 लाख रुपये तक बढ़ जाएंगी. कंपनी के अनुसार, कीमतों में बढ़ोतरी का मुख्य कारण पिछले चार महीनों में विदेशी मुद्रा में तेज वृद्धि के साथ-साथ बढ़ती इनपुट लागत है.

एंट्री-लेवल मर्सिडीज-बेंज ए-क्लास लिमोसिन और जीएलए एसयूवी की कीमत में 2 लाख रुपये की बढ़ोतरी होगी, टॉप-एंड एस 350डी लिमोसिन की कीमत 7 लाख रुपये बढ़ेगी जबकि फ्लैगशिप मर्सिडीज-मेबैक एस 580 सेडान 12 लाख रुपये महंगी हो जाएगी. चलिए, आपको इनकी 1 अप्रैल से लागू होने वाली कीमतों की लिस्ट दिखाते हैं.

Mercedes-Benz कारों की नई कीमतें
-- Mercedes-Benz A 200/A 200d- 44 लाख रुपये/46 लाख रुपये
-- Mercedes-Benz GLA 200/GLA 220d- 48.50 लाख रुपये/50 लाख रुपये
-- Mercedes-Benz C 200/ C220d- 60 लाख रुपये/61 लाख रुपये
-- Mercedes-Benz E 200/E 220d- 76 लाख रुपये/ 77 लाख रुपये
-- Mercedes-Benz GLE 300d 4M/GLE 400d 4M- 90 लाख रुपये/1.8 करोड़ रुपये
-- Mercedes-Benz GLS 400d 4M- 1.29 करोड़ रुपये
-- Mercedes-Benz S 350d/S 450 4M- 1.71 करोड़ रुपये/1.80 करोड़ रुपये
-- Mercedes-Maybach S 580- 2.69 करोड़ रुपये
-- Mercedes EQS 580- 1.59 करोड़ रुपये

कीमतों में बढ़ोतरी के ऐलान पर टिप्पणी करते हुए मर्सिडीज-बेंज इंडिया के प्रबंध निदेशक और सीईओ- संतोष अय्यर ने कहा, "बढ़ती इनपुट लागतों के साथ संयुक्त रूप से मुद्रा के लगातार कमजोर होने के परिणामस्वरूप परिचालन लागत में वृद्धि हुई है, जिससे मूल्य समायोजन की आवश्यकता है." आसान शब्दों में कहें तो कंपनी की कार बनाने की लागत बढ़ी है, भारती रुपया कमजोर होने से कंपनी को चलाने का खर्चा बढ़ा है और इन्हीं कारणों से कारों की कीम बढ़ानी पड़ रही है.

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