Vastu Shastra Tips: वास्तु यंत्र, जो अधिकतर अष्टधातु से बना होता है, घर में सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देने में मदद करता है. इसे घर में रखते समय कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना पड़ता है, जैसे की उसकी दिशा, मुहूर्त, और पूजा.
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Vastu Yantra Tips: वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के अंदर पॉजिटिविटी और सकारात्मक ऊर्जा बरकरार रखना महत्वपूर्ण है. इसके लिए लोग विभिन्न उपाय अपनाते हैं, जिसमें से एक है वास्तु यंत्र का इस्तेमाल. इस यंत्र का मुख्य उद्देश्य घर की नकारात्मक ऊर्जा को दूर करना और सकारात्मक ऊर्जा को प्रोत्साहित करना है. इस यंत्र को घर में रखने के लिए कुछ विशेष वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन करना महत्त्वपूर्ण होता है. इस नियमों को सही तरीके से पालन करते हुए वास्तु यंत्र को घर में रखना से खुशहाली और समृद्धि आती है.
वास्तु यंत्र क्या है
वास्तु यंत्र एक विशेष प्रकार का छोटा यंत्र है, जिसका आकार चौकोर होता है और आमतौर पर यह अष्टधातु से बना होता है. इसका मुख्य उद्देश्य घर में नकारात्मक एनर्जी को दूर कर सकारात्मक ऊर्जा को प्रभावित करना है. जिससे घर में खुशहाली और समृद्धि बनी रहती है और धन की वृद्धि भी होती है.
वास्तु यंत्र को घर में कैसे रखें
जब आप वास्तु यंत्र अपने घर में रखते हैं, तो इसे ईशान कोण अर्थात जो पूर्व और उत्तर की दिशा में कोना होता है, सबसे शुभ माना जाता है. आप इसे पूजा स्थान में या भगवान की फोटो के पास भी रख सकते हैं.
वास्तु यंत्र विभिन्न धातुओं से बना होता है. आप चांदी, सोना, ताम्रपत्र, क्रिस्टल या पीतल का वास्तु यंत्र ले सकते हैं. हालांकि, लोहे या पत्थर का बना हुआ वास्तु यंत्र घर में भूलकर भी नहीं लाना चाहिए.
वास्तु यंत्र की स्थापना करते समय सबसे पहले यंत्र को गंगाजल से स्नान कराएं और फिर शुभ मुहूर्त को ध्यान में रखकर स्थापना करें. जैसे रविवार और मंगलवार को इसकी स्थापना नहीं करनी चाहिए.
विशेष अवसरों पर वास्तु यंत्र की पूजा जरूर करें. इससे गृह क्लेश दूर होता है और जीवन में सकारात्मकता बढ़ती है.
यंत्र को सीधे लकड़ी पर नहीं रखना चाहिए. उसे रखने के लिए लाल रंग का कपड़ा अवश्य बिछाना चाहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)