Kalawa Rules: आज हम आपको बताएंगे कि कलावा किस दिन बांधना चाहिए, कब खोलना चाहिए, कितनी बार लपेटना चाहिए और किस हाथ में बांधना चाहिए. आइए विस्तार से जानते हैं इस सब के बारे में.
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Kalawa Niyam: सनातन धर्म दुनिया का सबसे प्राचीन और लचीला धर्म है. इस बात को अब पूरी दुनिया मानने लगी है. हिंदू धर्म में हवन- यज्ञ या पूजा के बाद हाथ में कलावा बांधने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. मान्यता है कि हाथ में कलावा बंधा रहने से व्यक्ति में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. कलावा को रक्षा सूत्र के नाम से भी पुकारा जाता है. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक कलावा बांधने और उतारने के कुछ नियम हैं, जिनका पालन करना बेहद जरूरी होता है. ऐसा न करने पर आपको कलावा बांधने के शुभ फल प्राप्त नहीं होते हैं.
कलावा कैसे बांधा जाता है? (Method of Tying Kalava)
सबसे पहले जानते हैं कि कलावा को कैसे बांधा जाता है. शास्त्रों के मुताबिक आप जिस हाथ में कलावा बंधवा रहे हैं, उसमें एक रुपये का सिक्का या नोट लेकर मुट्ठी बंद कर लें. इसके साथ ही दूसरे हाथ को सिर पर रख लें. ऐसा करना कलावा और बांधने वाले को सम्मान देना होता है. कलावा बांधने के बाद आप दूसरे हाथ से दक्षिणा उस व्यक्ति को भेंट करें.
किस हाथ में कलावा बांधना शुभ?
धार्मिक विद्वानों के मुताबिक विवाहित महिलाओं को कलावा अपने बायें हाथ में बंधवाना चाहिए. जबकि कुंवारी लड़कियों को दाहिने हाथ में कलावा बंधवाना शुभ रहता है. वहीं पुरुष के लिए भी दाहिने हाथ में कलावा बंधवाना मंगलकारी रहता है.
कलावा उतारने के उत्तम दिन
जब कलावा पुराना या गंदा हो जाए तो उसे सम्मानपूर्वक उतार देना चाहिए. इसके लिए मंगलवार और शनिवार (Best Days to Take Off Kalava) के दिन उत्तम माने गए हैं. पुराने कलावा उतारने के बाद आप घर के मंदिर में पूजा करके नया कलावा हाथ में धारण कर लें.
पुराने कलावा का क्या करें?
ज्योतिष शास्त्रियों के मुताबिक पुराने कलावा (Kalawa) को इधर-उधर कूड़े के ढेर में नहीं फेंकना चाहिए. ऐसा करने से देवी-देवता नाराज हो जाते हैं. इसके बजाय आप उस कलावा को उतारकर बहते पानी में प्रवाहित कर दें या फिर पास में पीपल के किसी पेड़ के नीचे रख दें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)