भारतीय शास्त्रों में यह स्पष्ट रुप से बताया गया है कि ज्ञान प्राप्त करके सद्गति हासिल करने की राह में वंश या कर्म बाधा नहीं हैं. इसके लिए पुराणों में कई दृष्टांत दिए गए हैं. देवताओं के गुरु बृहस्पति का ज्ञान जरा पढ़िए-
अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर बनने वाले राम मंदिर में ब्रज की रजत शिला का प्रयोग किया जाएगा. जिसका श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास व युग पुरुष संत परमानंद महाराज ने किया. ये ईंट धर्म रक्षा संघ द्वारा बनवाई गई है, जो मंदिर की नींव में लगेगी.
माता बम्बलेश्वरी ऊंची पहाड़ी पर रहती हैं, यहां देवी जागृत रुप में विराजमान हैं और भक्तों के दुख-दर्द दूर करती हैं. साथ ही दर्शन कीजिए पहाड़ों पर बसीं हैं देवी सप्तश्रृंगी के, माना जाता है कि यहां देवी के दरबार में संतान सुख आशीर्वाद मिलता है. देखिए, आराधना...
स्त्री और पुरुष के संग का अर्थ क्या है. क्या यह सिर्फ काम वासना की तृप्ति के लिए है या फिर इसका उद्देश्य इससे भी बड़ा है. आखिर क्यों शास्त्रों में विवाहिता स्त्री को धर्मपत्नी कहा गया है. इन सभी सवालों का जवाब जानिए यहां
हजार रंगों वाले इसी ब्रज मंडल में आजकल होली की धूम मची है. रंग में सराबोर चेहरे, फूलों की तरह खिले मन और ब्रज रज में सनी स्नेह भरी आत्मा एक अलग ही उल्लास में डूबी है. और ऐसा हो भी क्यों न, जहां देश भर सिर्फ फागुन पूर्णिमा को होली मनाता है ब्रजमंडल महीने भर पहले से ही होली के उल्लास में डूब जाता है.
पूजा-पाठ में शंख का उपयोग क्यों होता है? शंख से वास्तु दोष प्रभाव होने की क्या मान्यता है? और एक अनोखा प्राचीन मंदिर जहां सूर्य की किरणें लक्ष्मी की पूजा करती हैं, इस मंदिर के दर्शन के बाद तिरुपति यात्रा पूरी होती है. देखिए, आराधना...
होली का उत्साह जोर पकड़ रहा है. बच्चे अभी से होली के हुड़दंग में बड़े खरीदारी में जुट गए हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऋतु परिवर्तन के समय आने वाले इस त्योहार का क्या महत्व है. आखिर क्यों हम रंग गुलाल और भांति भांति के पकवानों का इस्तेमाल होली में करते हैं?
होलाष्टक की क्या मान्यता और परंपरा है ? होली से पहले 8 दिन अशुभ क्यों होते हैं? और रणथम्भौर में बना एक ऐसा गणेश मंदिर, जहां भक्त पत्रों से भगवान के नाम संदेश भेजते हैं. देखिए, आराधना...
ज्योतिष की नजर में होलाष्टक को एक दोष माना जाता है, जिसमें विवाह, गर्भाधान, गृह प्रवेश, निर्माण, आदि शुभ कार्य वर्जित हैं. फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी से लेकर पूर्णिमा तिथि तक होलाष्टक माना जाता है. इस वर्ष होलाष्टक 02 मार्च से प्रारंभ हो रहा है, जो 9 मार्च यानी होलिका दहन तक रहेगा.
बर्बरीक शीशदान के लिए तो सहर्ष तैयार हो गए, लेकिन उन्हें दुख हुआ कि वह अपने पिता, दादा व अन्य पूर्वजों के किसी काम नहीं आ सके. उन्होंने श्रीकृष्ण से अपने उद्धार का तरीका पूछा साथ ही बताया कि वह भी इस युद्ध में हिस्सा लेना चाहते थे, और इसे देखना चाहते थे.
सीकर से तकरीबन 20 किलोमीटर दूर एक गांव खाटू फाल्गुन के इस महीने में दुल्हनों की तरह सजा है और भक्त अपने भगवान के दरबार में हाजिरी लगाने पहुंच रहे हैं. यह भगवान है खाटू वाले श्याम बाबा, जिन्हें हारे का सहारा कहा जाता है.
दिल्ली-एनसीआर में प्राचीन शिव मंदिर के दर्शन की महिमा और जम्मू-कश्मीर के खीर भवानी मंदिर के दर्शन की क्या है महिमा? भवानी मां के इस मंदिर को क्यो कहते हैं खीर भवानी? देखिए, आराधना...
दक्षिण भारत के गणेश मंदिरों के दर्शन से मनोकामना पूरी होती है और बीकानेर के बड़ा गणेश मंदिर में क्यों साधक की मुद्रा में हैं विराजमान गजानन? कैसे करते हैं कन्याओं की हर इच्छा पूरी? देखिए, आराधना...
क्या है शनि-चालीसा का महत्व? क्यों जरुरी है शनि-चालीसा का पाठ? शनि-चालीसा से बनेंगे बिगड़े काम और शनिदेव को क्यों चढ़ाया जाता है तेल? शनिवार को तेल दान करने से कैसे मिलेगा शनिदेव का आशीर्वाद? देखिए, आराधना...
अयोध्या राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि रामलला के दर्शन नजदीक से हों इसके लिए व्यवस्था की जा रही है. रामलला के दर्शन के लिए अब श्रद्धालुओं को कम ही चलना होगा. रामभक्त रामनवमी से पूर्व रामलला का दर्शन नजदीक से कर सकते हैं. ट्रस्ट इस कोशिश में काम कर रहा है.
काशी में देवी का अनोखा मंदिर है, यहां देवी के दर्शन से बिगड़े काम बन जाते हैं. देवी के इस मंदिर में रक्त से हवन कुंड बना है और काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन कीजिए, यहां शिव-शक्ति एक साथ विराजमान हैं, मंदिर से जुड़ी कई पौराणिक कथाएं है. देखिए, आराधना...
तमिलनाडु के थिरुवेनकाडु बुध मंदिर के दर्शन कीजिए. कावेरी-मणिकर्णिका नदी के तट पर बने इस मंदिर से जुड़ी है कई मान्यताएं है. वहीं जानिए, कहां बना है नवग्रहों को समर्पित प्रसिद्ध 9 ग्रह, 9 शिवलिंग वाला मंदिर. देखिए, आराधना...
विवाह किसी भी मनुष्य के जीवन का सबसे अहम पड़ाव होता है. ये वही दिन है जब दो जीवन एक दूसरे से जुड़ जाते हैं. आईए आपको बताते हैं इससे जुड़ी एक अहम परंपरा के बारे में-