विवाह के समय वर वधू का गठबंधन करते समय वधू के पल्लू और वर के दुपट्टे या धोती में सिक्का (पैसा), पुष्प, हल्दी, दूर्वा और अक्षत, पांच चीजें बांधी जाती हैं. आखिर क्या है ये परंपरा इसका क्या महत्व है.
सिक्का: यह इस बात का प्रतीक है कि धन पर किसी एक का पूर्ण अधिकार नहीं होगा, बल्कि समान अधिकार रहेगा.
पुष्प:- प्रतीक है, प्रसन्नता और शुभकामनाओं का. दोनों सदैव हंसते-खिलखिलाते रहें. एक-दूसरे को देखकर प्रसन्न हों, एक-दूसरे की प्रशंसा करें.
हल्दी:- आरोग्य और गुरू का प्रतीक है. जिसका अर्थ है एक-दूसरे के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए प्रयत्नशील रहें. मन में कभी हीनता न आने दें. हल्दी छूने से रंग व सुगंध छूने वाले को चढ़ता है. अतः ज़रूरी निर्णय में आपसी परामर्श करें.
दूर्वा यानी दूब घास:- ये प्रतीक है कि कभी प्रेम भावना नहीं मुरझाने देना है. दूर्वा का जीवन तत्व कभी नष्ट नहीं होता. सूखी दिखने पर भी यह पानी में डालने पर हरी हो जाती है. ठीक इसी तरह दोनों के मन में एक-दूसरे के लिए अटूट प्रेम और आत्मीयता बनी रहे.
अक्षत (चावल):-अन्नपूर्णा का प्रतीक है. जो अन्न कमाएं, उसे अकेले नहीं, बल्कि मिल-जुलकर खाएं. परिवार के प्रति सेवा और उत्तरदायित्व का लक्ष्य भी ध्यान में रखें.
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