अयोध्याः रामलला के भक्तों को भावविभोर करने वाली खुशखबरी है. अब उन्हें अपने प्रभु के दर्शन के लिए बहुत चलकर नहीं जाना होगा और न ही दूर से दर्शन करना होगा. बल्कि वे निकटता से अपने प्रभु श्री राम के बाल स्वरूप से नजदीकी का अनुभव कर सकेंगे और दर्शन पा सकेंगे. श्रद्धालुओं की सहूलियत का ध्यान रखते हुए इसके लिए व्यवस्था की जा रही है. मंदिर ट्रस्ट की ओर से इस तरह के नए बदलावों के बारे में जानकारी मिली है.
श्रद्धालुओं को कम चलना होगा
अयोध्या राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि रामलला के दर्शन नजदीक से हों इसके लिए व्यवस्था की जा रही है. रामलला के दर्शन के लिए अब श्रद्धालुओं को कम ही चलना होगा. रामभक्त रामनवमी से पूर्व रामलला का दर्शन नजदीक से कर सकते हैं. ट्रस्ट इस कोशिश में काम कर रहा है.
अभी भक्तों को दूर से ही रामलला के दर्शन करने होते हैं. इससे बाल स्वरूप का दर्शन नहीं हो पाता है.
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होली के बाद हो सकती है दूसरी बैठक
नई व्यवस्था लागू करते हुए रामलला की सुरक्षा का ख्याल रखा जाएगा. इसके लिए पहले रामलला को शिफ्ट किया जाएगा, उसके बाद यह सुविधा शुरू होगी. राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की दूसरी बैठक जल्दी ही होली के बाद होने की संभावना है. मंदिर परिसर में काम शुरू किया जा चुका है. शुरुआती तौर पर क्रेन से बड़े पत्थरों को हटाया जा रहा है. 29 फरवरी को अयोध्या में मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र रामलला का दर्शन करेंगे. वह रामलला परिसर का मुआयना करेंगे. इस दौरान मंदिर निर्माण को लेकर ट्रस्टियों से चर्चा भी होगी.
फाइबर के मंदिर से दर्शन देंगे प्रभु
अयोध्या रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सतेंद्र दास ने बताया था कि महंत नृत्यगोपालदास को राम मंदिर ट्रस्ट का अध्यक्ष बनने से व्यवस्था में परिवर्तन होगा. उन्होंने कहा है कि मंदिर बनने से पहले रामलला को ऐसी जगह पर शिफ्ट किया जाएगा जहां नजदीक से भक्त उनके दर्शन कर सकेंगे. आचार्य सतेंद्र दास दर्शन ने कहा, 'रामलला के दर्शन के लिए जाने वाले मार्ग के घुमाव को कम किया जाएगा. रामलला बुलेटप्रूफ शीशे के मंदिर में विराजेंगे. मंदिर फाइबर से बना होगा. तिरपाल से रामलला फाइबर के मंदिर में विराजेंगे और उसके बाद राम मंदिर निर्माण शुरू होगा.