George Soros: कौन हैं पीएम मोदी की आलोचना करने वाले जॉर्ज सोरोस? जिन्हें जयशंकर ने बताया खतरनाक
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George Soros: कौन हैं पीएम मोदी की आलोचना करने वाले जॉर्ज सोरोस? जिन्हें जयशंकर ने बताया खतरनाक

Who Is George Soros: आज कल भारत में दुनिया के मशहूर अरबपति और निवेशक जॉर्ज सोरोस की जमकर चर्चा हो रही है. भारतीय विदेश मंत्री ने उन्हें क्यों खतरनाक शख्स बताया है, आइए जानते हैं.

George Soros: कौन हैं पीएम मोदी की आलोचना करने वाले जॉर्ज सोरोस? जिन्हें जयशंकर ने बताया खतरनाक

George Soros On PM Narendra Modi: अरबपति कारोबारी जॉर्ज सोरोस अडानी ग्रुप को लेकर हिंडनबर्ग की हालिया रिपोर्ट और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को लेकर की गई अपनी टिप्पणियों की वजह से चर्चा में हैं. इस वजह से जहां भारतीय जनता पार्टी  ने उनके बयान की कड़ी आलोचना की है. वहीं अब सोरोस की टिप्पणी पर विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) की प्रतिक्रिया आई है. 

सोरोस पूर्वाग्रही और खतरनाक: जयशंकर

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि अरबपति निवेशक जॉर्ज सोरोस बूढ़े, धनी, पूर्वाग्रही और खतरनाक हैं और विमर्श गढ़ने के लिये संसाधनों का निवेश करते हैं. उदारवादी मुद्दों का समर्थन करने वाले 92 वर्षीय कारोबारी सोरोस ने बृहस्पतिवार को कहा था कि गौतम अडाणी के कारोबारी साम्राज्य में जारी उठापटक सरकार पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पकड़ को कमजोर कर सकती है.

सोरोस पर आरोप

रायसिना@सिडनी परिचर्चा में एक सत्र के दौरान पूछे गए प्रश्न का उत्तर देते हुए जयशंकर ने कहा कि सोरोस न्यूयार्क में बैठे बूढ़े, धनी, पूर्वाग्रही व्यक्ति हैं जो अभी भी यह सोचते हैं कि दुनिया कैसे काम करती है, वह उनके विचारों के आधार पर तय हो. जयशंकर ने कहा कि अब अगर मैं बूढ़े, धनी और पूर्वाग्रही तक रुक सकता तो रहने देता, लेकिन वह (सोरोस) बूढ़े, धनी, पूर्वाग्रही और खतरनाक हैं. उन्होंने कहा कि कुछ वर्ष पहले इसी सम्मेलन में सोरोस ने भारत पर लाखों मुसलमानों की नागरिकता छीन लेने की साजिश रचने का आरोप लगाया था.

'बाहरी हस्तक्षेप के कारण पैदा हुआ खतरा'

विदेश मंत्री ने कहा, ‘हम उन बाहरी हस्तक्षेप के कारण पैदा होने वाले खतरों के बारे में जानते हैं. अगर आप इस प्रकार का भयादोहन करेंगे, तब इससे वास्तव में समाज के तानेबाने को नुकसान पहुंचेगा.’ जयशंकर ने कहा, ‘इसकी विभिन्न देशों में अलग तरीके से व्याख्या होगी जहां उनके जैसे लोग सोचते हों कि चुनाव तभी अच्छा है जब उनकी पसंद का व्यक्ति जीतता है. अगर चुनाव के दूसरे परिणाम आते हैं तब कहेंगे कि लोकतंत्र में त्रुटि है.’उन्होंने कहा कि वैश्वीकरण निर्बाध अवसर प्रदान करता है लेकिन इसके साथ संगठनों के विमर्श गढ़ने, धन की आवाजाही और अपने एजेंडे को बढ़ाने का मार्ग भी प्रशस्त होता है.

विदेश मंत्री ने कहा, ‘यह सब पारदर्शी खुले समाज की वकालत के नाम पर किया जाता है. ’ गौरतलब है कि अडाणी समूह 24 जनवरी को अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा उस पर लेखा धोखाधड़ी और स्टॉक हेरफेर का आरोप लगाए जाने के बाद से गंभीर दबाव में है. इन आरोपों को समूह ने ‘दुर्भावनापूर्ण’, ‘आधारहीन’ और ‘भारत पर सोचा-समझा हमला’ कहकर खारिज कर दिया है.

कौन हैं सोरोस?

जॉर्ज सोरोस एक अरबपति हंगेरियन-अमेरिकी निवेशक है. जिनका जन्म 1930 में हंगरी में एक बेहद रईस यहूदी फैमिली में हुआ था. उनका नाम पहले श्वार्ट्ज (Schwartz) था, जिसको बाद में बदलकर सोरोस किया गया, ताकि हंगरी में यहूदी-विरोधीवाद के उदय के बीच अपनी यहूदी पहचान को छुपाया जा सके, जिसका समापन नाजी कब्जे के साथ हुआ. 

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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