Thailand Cannabis Farming: थाइलैंड में चिकन फार्मिंग करने वाले एक शख्स ने मुर्गियों को भांग की पत्तियां चारे के तौर पर खिलानी शुरू की. शोधकर्ताओं ने जब इन मुर्गियों का अध्ययन किया तो चौंकाने वाले परिणाम सामने आए.
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Cannabis Fed Chickens: थाइलैंड में भांग की खेती को लीगल कर दिया गया है. इसके लिए सरकार से लाइसेंस लेना पड़ता है. भांग की खेती करने वाले एक किसान ने जब बची हुई पत्तियों को चारे के तौर पर मुर्गियों को खिलाना शुरू किया तो चौंकाने वाले नतीजे सामने आए.
चूजों को खिलाई भांग
गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, थाईलैंड के नॉर्थ में रहने वाले एक किसान ओंग-अर्ड पन्याचतिरक्ष को भांग की खेती करने का लाइसेंस प्राप्त है. वह सोच रहा था कि उसके द्वारा एकत्र की गई कई अतिरिक्त भांग की पत्तियों का क्या किया जाए. ऐसे में उसने मुर्गियों के चूजों को ये पत्तियां खिलानी शुरू की.
1 हजार मुर्गियों पर अध्ययन
जब यह बात चियांग माई विश्वविद्यालय (Chiang Mai University) के शिक्षाविदों को पता चली तो वह भी उत्सुक हो गए. उन्होंने पिछले साल जनवरी से लैम्पांग (Lampang) में ओंग-अर्ड के पेथलाना जैविक फार्म (Pethlanna organic farm) में 1,000 मुर्गियों पर अध्ययन करना शुरू किया. इस दौरान उन्होंने यह देखा कि जब भांग को मुर्गियों के चारे या पानी में मिलाया गया तो उन्होंने कैसी प्रतिक्रिया दी. इसके रिजल्ट चौंकाने वाले थे. चियांग माई विश्वविद्यालय के पशु और जलीय विज्ञान विभाग के सहायक प्रोफेसर चोमपुनुत लुमसंगकुल के अनुसार, भांग एंटीबायोटिक दवाओं पर किसानों की निर्भरता को कम करने में मदद कर सकता है.
थाई परंपरा में इस्तेमाल
हालांकि, शोध के परिणाम अभी प्रकाशित नहीं हुए हैं, लेकिन चोमपुनत ने सकारात्मक संकेत देखे हैं. भांग का सेवन करने वाली मुर्गियां एवियन ब्रोंकाइटिस के कम मामलों का अनुभव करती हैं और उनके मांस की गुणवत्ता जैसे प्रोटीन, वसा और नमी की संरचना के साथ कोमलता भी बेहतर थी. बता दें कि भांग के औषधीय और खाना पकाने के लाभों को लंबे समय से थाई परंपरा में मान्यता दी गई है. चोमपुनट ने कहा कि यह थाई लोगों का स्थानीय ज्ञान है कि भांग की पत्तियों को खाद्य के रूप में उपयोग करें. इसे चिकन नूडल्स बनाने के लिए एक घटक के रूप में मिलाएं. लोग इसका स्वाद बेहतर करने के लिए इसे सूप में डालते हैं.
थाइलैंड में भांग की खेती लीगल
थाईलैंड ने हाल के वर्षों में भांग पर अपने कानूनों में ढील दी है. पहले चिकित्सा उद्देश्यों के लिए मारिजुआना को वैध बनाया और बाद में कंपनियों को भांग और सीबीडी से युक्त उत्पादों को बेचने की अनुमति दी. इस महीने, थाई सरकार ने अपनी नशीले पदार्थों की सूची से भांग और भांग के पौधों को हटा दिया है. हालांकि, जनता को सार्वजनिक रूप से धूम्रपान न करने की चेतावनी दी गई है. अधिकारियों का कहना है कि वे खाद्य, पेय और चिकित्सा उपचार में बढ़ती रुचि का दोहन करके कृषि और पर्यटन को बढ़ावा देना चाहते हैं. चोमपुनट ने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि भांग का मुर्गियों पर सकारात्मक प्रभाव क्यों पड़ा. यह संभव है कि भांग में बायोएक्टिव यौगिकों ने मुर्गियों के पेट के स्वास्थ्य, प्रतिरक्षा को बढ़ाया हो.
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अब किया जाएगा दूसरा अध्ययन
चोमपुनट ने कहा कि यह देखने के लिए आगे की जांच की जरूरत है कि क्या भांग चिकन की खेती में एंटीबायोटिक दवाओं की जगह ले सकती है. वह एक दूसरे अध्ययन की योजना बना रही हैं, जिसमें उच्च तीव्रता के साथ भांग के अर्क का उपयोग किया जाएगा, ताकि यह देखा जा सके कि मुर्गियों में बीमारी और मृत्यु दर पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है. चोमपुनट ने कहा कि चिकन फार्मों में भांग का उपयोग करने से लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिल सकती है. ओंग-अर्ड ने कहा कि थाईलैंड में भांग की कीमत अभी भी बहुत अधिक है, लेकिन हाल के कानूनी सुधार इसे बदल सकते हैं. उन्होंने कहा कि जिन मुर्गियों को भांग खिलाई गई है, वे फार्म के रेस्तरां में अधिक कीमत पर बिकेंगी.
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