आज रात गिरफ्तार हो सकते हैं दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून? मिलिट्री यूनिट ने के फैसले से बढ़ी हलचल
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आज रात गिरफ्तार हो सकते हैं दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून? मिलिट्री यूनिट ने के फैसले से बढ़ी हलचल

South Korea News: 

आज रात गिरफ्तार हो सकते हैं दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून? मिलिट्री यूनिट ने के फैसले से बढ़ी हलचल

South Korea politics: दक्षिण कोरिया का राजनीतिक संकट अभी खत्म नहीं हुआ है. ताजा हालातों के मद्देनजर पूरा देश राष्ट्रपति यून की भूमिका उनकी वर्तमान स्थिति और सेना के अगले कदम की ओर टकटकी लगाए बैठा है. इस सियासी संकट पर पड़ोसी उत्तर कोरिया बहुत खुश है और वो भी हालात पर नजर बनाए हुए है. इस बीच सेना के एक फैसले ने राष्ट्रपति भवन की हलचल बढ़ा दी है. दावा किया जा रहा है कि यून आज रात गिरफ्तार हो सकते हैं.

सेना का रुख

दक्षिण कोरिया में राष्ट्रपति निवास की सुरक्षा करने वाली एक सैन्य इकाई ने मंगलवार को पुलिस और भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी (सीआईओ) के अधिकारियों को राष्ट्रपति निवास में प्रवेश की मंजूरी दे दी. यह कदम इसलिए उठाया गया, ताकि महाभियोग का सामना कर रहे राष्ट्रपति यून सुक योल को गिरफ्तार किया जा सके. सीआईओ के अधिकारियों के अनुरोध पर, कैपिटल डिफेंस कमांड ने कहा कि वे पुलिस, सीआईओ और रक्षा मंत्रालय के जांचकर्ताओं को राष्ट्रपति निवास में प्रवेश करने की अनुमति देंगे. योनहाप समाचार एजेंसी के अनुसार, यह सैन्य इकाई राष्ट्रपति निवास के बाहर की सुरक्षा करती है.

पहले हो चुकी है गिरफ्तारी की कोशिश

इससे पुलिस और सीआईओ अधिकारियों को राष्ट्रपति यून को हिरासत की छूट मिल जाएगी. उम्मीद जताई जा रही है कि सीआईओ राष्ट्रपति यून को बुधवार को हिरासत में ले सकती है. इससे पहले दिन में, राष्ट्रपति सुरक्षा सेवा (पीएसएस) ने यून को हिरासत में लेने के प्रयास को रोकने की चेतावनी दी थी और कहा था कि राष्ट्रपति निवास में जबरन प्रवेश "अवैध" होगा. पीएसएस ने यह भी कहा कि वे सुरक्षा प्रोटोकॉल के अनुसार ही जवाब देंगे.

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PSS ने पुलिस और CIO के अधिकारियों के साथ बैठक के कुछ घंटों बाद बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि मार्शल लॉ के तहत यून की गिरफ्तारी वारंट पर क्रियानवयन करने पर चर्चा की गई थी. इससे पहले 3 जनवरी को सीआईओ ने यून को गिरफ्तार करने की कोशिश की थी, लेकिन तब पीएसएस ने उन्हें रोक दिया था.

PSS ने यह भी बताया कि राष्ट्रपति निवास जैसे महत्वपूर्ण सुरक्षा क्षेत्रों में प्रवेश के लिए पूर्व अनुमोदन आवश्यक होता है. इन क्षेत्रों में जबरन प्रवेश अवैध माना जाता है. पीएसएस ने कहा कि वे पुलिस और सीआईओ के साथ समन्वय करेंगे ताकि किसी भी तरह की झड़प से बचा जा सके.

बता दें कि 3 दिसंबर, 2024 को यून ने अल्पकालिक मार्शल लॉ की घोषणा की थी. इसके बाद और 14 दिसंबर को उन पर लगे महाभियोग के बाद से दक्षिण कोरिया राजनीतिक अनिश्चितता का सामना कर रहा है. (IANS)

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