दक्षिण कोरिया राजनीतिक संकट: मार्शल लॉ पर अब क्या होने जा रहा? प्रेसिडेंट यून सुक योल की बढ़ेगी मुश्किलें
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दक्षिण कोरिया राजनीतिक संकट: मार्शल लॉ पर अब क्या होने जा रहा? प्रेसिडेंट यून सुक योल की बढ़ेगी मुश्किलें

South Korea political Crisis: महाभियोग का सामना कर रहे साउथ कोरिया के प्रेसिडेंट यून सुक योल की मुश्किलों में और इजाफा हो गया है. पार्लियामेंट्री स्पेशल कमेटी ने प्रेसिडेंट को लेकर को लेकर अहम फैसला लिया है. 18 मेंबरों वाली स्पेशल कमेटी ने यून और पूर्व रक्षा एवं आंतरिक मंत्री किम योंग-ह्यून, ली सांग-मिन समेत 75 अन्य अफसरों को गवाह के रूप में बुलाने का फैसला किया है.

दक्षिण कोरिया राजनीतिक संकट: मार्शल लॉ पर अब क्या होने जा रहा? प्रेसिडेंट यून सुक योल की बढ़ेगी मुश्किलें

South Korea political crisis: साउथ कोरिया के प्रेसिडेंट यून सुक योल की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. पार्लियामेंट्री स्पेशल कमेटी ने मंगलवार को महाभियोग का सामना कर रहे प्रेसिडेंट योल को अगले सप्ताह होने वाली सुनवाई में गवाह के रूप में बुलाने का फैसला किया है. यह सुनवाई सोल की तरफ से की गई मॉर्शल लॉ घोषणा को लेकर होगी. हालांकि, इस मुकदमे की पहली सुनवाई मंगलवार को हुई थी, लेकिन यून के अदालत में पेश नहीं होने की वजह से कुछ ही मिनटों बाद सुनवाई समाप्त करनी पड़ी. 

कमेटी ने अब 22 जनवरी को अगली सुनवाई आयोजित करने की योजना बनाई है, जिसमें यून और पूर्व रक्षा एवं आंतरिक मंत्री किम योंग-ह्यून, ली सांग-मिन समेत 75 अन्य अफसरों को गवाह के रूप में बुलाया जाएगा. यून के विद्रोह संबंधी आरोपों की जांच के लिए पिछले महीने के आखिर में 18 मेंबरों वाली स्पेशल कमेटी गठित की गई थी. कमेटी के पास काम करने के लिए 13 फरवरी तक का वक्त है. इससे पहले दिन में समिति ने डिफेंस मिनिस्टरी और मामले में रूप से शामिल अन्य सैन्य कमांडरों के खिलाफ अपनी पहली जांच की.

शीर्ष अदालत करेगी आखिरी फैसला
यून ने बीते साल 3 दिसंबर को मार्शल लॉ का ऐलान किया था. प्रेसिडेंट यून के इस घोषणा के बाद से ही साउथ कोरिया की सियासत में भारी संकट पैदा हो गया. अब प्रेसिडेंट पर आखिरी फैसला वहां की शीर्ष अदालत करेगी कि यून को उनके राष्ट्रपति कर्तव्यों से हटाया जाए या नहीं.

क्या है पूरा मामला?
बता दें, प्रेसिडेंट यून ने 03 दिसंबर की रात को साउोथ कोरिया में इमरजेंसी मार्शल लॉ की घोषणा की. हालांकि, इस घोषणा के बाद संसद ने इसके खिलाफ मतदान भी किए, लेकिन योल ने इसे निरस्त कर दिया. मार्शल लॉ कुछ घंटों के लिए ही लागू रहा, लेकिन चंद घटों के लिए लागू हुए मार्शल लॉ ने देश की सियासत को हिला कर रख दिया.

नेशनल असेंबली प्रेसिडेंट यून सुक-योल और उनकी जगह लेने वाले कार्यवाहक राष्ट्रपति हान डक-सू के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर चुकी है. डिप्टी पीएम और वित्त मंत्री चोई सांग-मोक कार्यवाहक राष्ट्रपति और कार्यवाहक पीएम दोनों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं.

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