Israel Vs Iran : अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) नहीं चाहते कि इजरायल, ईरान के तेल उत्पादन संयंत्रों को निशाना बनाए. उन्होंने कहा, 'इजरायलियों ने अभी तय नहीं किया है कि वे किस तरह हमला करने जा रहे हैं. अगर मैं उनकी जगह होता, तो तेल क्षेत्रों पर हमला करने के अलावा अन्य विकल्पों के बारे में सोचता.'
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America Middle East Policy: हर देश की अपनी विदेश नीति (Foreign policy) होती है, जिसके हिसाब से वो फ्यूचर का ताना बाना बुनता है. लेकिन अमेरिका की बात अलग है. यूएस फॉरेन पॉलिसी (US Foreign Policy) को गहराई से देखा जाए तो बीते करीब 70 सालों में उसका रिकॉर्ड ये बताता है कि हाथी के दांत खाने के अलग और दिखाने के अलग होते हैं. मसलन कमिटमेंट करके पीछे हट जाना हो या अपनी नाकामियां छिपाने के लिए दूसरों को दोष देना या फिर इसी कालखंड में उसकी 'दुनिया का दारोगा' वाली छवि सब इस तरफ इशारा करते हैं कि अमेरिका अपनी फॉरेन पॉलिसी को अलग अंदाज में बनाता है और गजब अंदाज में डील करता है.
बात अमेरिका की मिडिल ईस्ट पॉलिसी (USA Middle East Policy) की तो दुनिया जानती है कि वो इजरायल का सबसे बड़ा मददगार और उसके दुश्मनों का सबसे बड़ा दुश्मन है. सऊदी अरब से उसकी दोस्ती है तो फिलहाल ईरान उसका जानी दुश्मन है. ये भी सच है कि एक बार अमेरिकी संसद कोई फैसला कर देती है तो अगली वोटिंग होने तक वो पत्थर की लकीर बनी रहती है. लेकिन इस बार हमास के इजरायल पर हमला करने के बाद पिछले एक साल से मिडिल ईस्ट में जैसे हालात दिख रहे हैं, उसे लेकर राष्ट्रपति पद की रेस में दौड़ रहे डोनाल्ड ट्रंप की पार्टी रिपब्लिकंस और उनके विरोधी डेमोक्रेट्स (जो बाइडेन) की राय कुछ जुदा दिख रही हैं.
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ईरान को लेकर दो धड़ों में बंट रहा अमेरिका ?
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन नहीं चाहते कि इजरायल, ईरान के तेल उत्पादन संयंत्रों को निशाना बनाए. उन्होंने शुक्रवार को कहा, 'देखिए, इजरायलियों ने अभी तक यह तय नहीं किया है कि वे किस तरह से हमला करने जा रहे हैं. इस पर चर्चा चल रही है. मुझे लगता है कि अगर मैं उनकी जगह होता, तो तेल क्षेत्रों पर हमला करने के अलावा अन्य विकल्पों के बारे में सोचता.' बाइडेन शुक्रवार को अपने अपने राष्ट्रपति पद के कार्यकाल के दौरान पहली बार व्हाइट हाउस प्रेस ब्रीफिंग में उपस्थित हुए. अमेरिकी राष्ट्रपति की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब अमेरिका यहूदी राष्ट्र के साथ इस बारे में चर्चा कर रहा है कि वह ईरान के मिसाइल हमलों का जवाब कैसे देगा.
जबकि दूसरी ओर फायर ब्रांड डोनाल्ड ट्रंप का मानना है कि ईरान के परमाणु ठिकानों को बस एक बटन दबाकर उसका खेल खत्म कर दिया जाए, ताकि वो दोबारा किसी के खिलाफ खड़ा होने की हिमायत न कर सके.
इजरायली पीएम नेतन्याहू अमेरिका के अंदर इस मामले को लेकर खिंची तलवारों की धार से भली भांति वाकिफ है. वो जानते हैं कि अगली सरकार के काम काज संभालने तक वो एक तरह से फ्री हैंड होकर अपने विरोधियों का खात्मा कर सकते हैं, शायद इसी लिए वो अमेरिका तो छोड़िये ब्रिटिश और फ्रांस के विदेश मंत्रियों और प्रधानमंत्री-राष्ट्रपति की सीजफायर वाली बात की सुनकर भी अनसुनी रहे हैं.
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हाई-हॉलिडे की छुट्टियों का आनंद ले रहे यहूदी: बाइडेन
सिन्हुआ समाचार एजेंसी के मुताबिक राष्ट्रपति ने कहा कि उनके प्रशासन के अधिकारी अपने इजरायली समकक्षों के साथ 'दिन में 12 घंटे' संपर्क में हैं. बाइडेन ने कहा, 'वे तुरंत कोई फैसला नहीं लेने जा रहे हैं. हमें यह देखने के लिए इंतजार करना होगा कि इजरायली क्या चाहते हैं और कब बात करना चाहते हैं.' उन्होंने इस तथ्य की ओर इशारा किया कि यहूदी फिलहाल हाई-हॉलिडे की छुट्टियों का आनंद ले रहे हैं.
नेशनल इकोनॉमिक काउंसिल की तनाव पर नजर
बाइडेन के संबोधन के बाद मंच पर आए नेशनल इकोनॉमिक काउंसिल के निदेशक लेल ब्रेनार्ड ने कहा कि मध्य पूर्व में तनाव के बीच अमेरिका ग्लोबल ऑयल मार्केट्स पर कड़ी नजर रख रहा है. ब्रेनार्ड ने कहा, 'हमारे पास भू-राजनीतिक अस्थिरता से निपटने के लिए वास्तव में प्रभावी तरीके हैं. फिलहाल, बाजारों में बहुत अच्छी आपूर्ति है और हमें उम्मीद है कि यह आगे भी बनी रहेगी.'
बता दें ईरान की ओर से मंगलवार रात इजरायल पर बड़ा मिसाइल अटैक किया गया. इजरायल के चैनल 13 टीवी समाचार के मुताबिक ईरान की ओर से कम से कम 200 जमीन से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलें दागी गईं, जिससे पूरे देश में सायरन बजने लगे और लाखों लोग शेलटर्स की ओर भागे.
ईरान का कहना है कि यह बमबारी हमास के राजनीतिक नेता इस्माइल हानिया, हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह और ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स कमांडर ब्रिगेडियर जनरल अब्बास निलफोरुशन की हत्याओं के जवाब में की गई. बता दें ईरान हमास और हिजबुल्लाह को खुलकर समर्थन देता आया है.
खामेनेई ने धमकाया
ईरानी हमले के कुछ घंटों बाद, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सुरक्षा कैबिनेट की बैठक के दौरान कहा, 'ईरान ने आज रात एक बड़ी गलती की है, और उसे इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी.'
इस बीच शुक्रवार को ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने इजरायल पर तेहरान के हमले की तारीफ की और इसे 'पूरी तरह से कानूनी और वैध कार्य' बताया. उन्होंने कहा कि ईरान समेत तमाम इस्लामिक देशों का दुश्मन एक है और सबको साथ आने की जरूरत है. तेहरान की ग्रैंड मोसल्ला मस्जिद से शुक्रवार की नमाज का नेतृत्व करते हुए खामेनेई ने कहा, 'दो या तीन रात पहले हमारे सशस्त्र बलों का शानदार काम पूरी तरह से कानूनी और वैध था.
(इनपुट: IANS)