G20 Summit: इस मुस्लिम देश के दिल में बसते हैं राम, भारत और रामायण से है सदियों पुराना कनेक्शन
Advertisement

G20 Summit: इस मुस्लिम देश के दिल में बसते हैं राम, भारत और रामायण से है सदियों पुराना कनेक्शन

Indonesia Ramayana: रामकथा पर आधारित इंडोनेशिया का प्राचीनतम ग्रंथ 'रामायण काकावीन' है. रामायण काकावीन की रचना कावी भाषा में हुई है. यह जावा की प्राचीन शास्त्रीय भाषा है. इस ग्रंथ की रचना कवि योगेश्वर ने की है. इंडोनेशिया के रामायण में 26 अध्याय हैं.

 G20 Summit: इस मुस्लिम देश के दिल में बसते हैं राम, भारत और रामायण से है सदियों पुराना कनेक्शन

India-Indonesia Relations: इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता से करीब 960 किलोमीटर दूर बाली में G-20 की बैठक हो रही है. पीएम नरेंद्र मोदी इस बैठक के तीन सत्र में आज हिस्सा लेंगे. इंडोनेशिया की नब्बे प्रतिशत आबादी मुस्लिम हैं, फिर भी वहां की संस्कृति पर रामायण का काफी असर है. पूरे इंडोनेशिया में भारतीय संस्कृति की झलक देखने को मिलती है. इंडोनेशिया के साथ भारत का सांस्कृतिक संबंध 2500 वर्ष पुराना है. इंडोनेशिया के लोगों के दिल में भगवान राम के लिए खास जगह और सम्मान है. इस देश के मुस्लिम भगवान राम को अपने जीवन का नायक और रामायण को अपने दिल के सबसे करीब मानते हैं.

इंडोनेशिया में रामायण की खास अहमियत 

रामकथा पर आधारित इंडोनेशिया का प्राचीनतम ग्रंथ 'रामायण काकावीन' है. रामायण काकावीन की रचना कावी भाषा में हुई है. यह जावा की प्राचीन शास्त्रीय भाषा है. इस ग्रंथ की रचना कवि योगेश्वर ने की है. इंडोनेशिया के रामायण में 26 अध्याय हैं. यहां की रामायण में भगवान राम के पिता दशरथ को विश्वरंजन कहा जाता है. इस रामायण की शुरुआत भगवान राम के जन्म से होती है.

ऐसे ही भारत में लिखी गई रामायण में इंडोनेशिया के जावा द्वीप का जिक्र यवदवीपा (Yawadwipa) के रूप में संस्कृत में मिलता है. रामायण में जिक्र है कि सुग्रीव ने अपनी वानर सेना को यवदवीपा (Yawadwipa) यानी आज के जावा द्वीप पर भेजा था. रामायण में जिक्र है कि यवदवीपा (Yawadwipa) पर कीमती पत्थर, सोना-चांदी जैसे बेशकीमती रत्न मिलते हैं. इंडोनेशिया के मौजूदा सुमात्रा द्वीप का भी जिक्र कई भारतीय पौराणिक ग्रंथों में मिलता है जिसे स्वर्णाद्वीप (Suvarnadwipa) लिखा गया है.

करेंसी पर गणेश का चित्र

  • इंडोनेशिया की राष्ट्रीय भाषा को ''भाषा'' इंडोनेशिया के नाम से जाना जाता है और भाषा शब्द का जन्म संस्कृत से हुआ है. इंडोनेशिया की भाषा में सैकड़ों शब्द ऐसे हैं, जो भारतीय भाषा के हिंदी और संस्कृत से जुड़े हैं. भूमि, वाहन, प्रथम, भय, मनुष्य, सुख, दुख, संपूर्ण, कार्य, संध्या भाग्य, कांच शब्द का इस्तेमाल इंडोनेशिया की भाषा में उसी अर्थ के लिए किया गया जो अर्थ संस्कृत या हिंदी में है.

  • इंडोनेशिया के पैसे को रुपैया बोलते हैं. इंडोनेशिया की कई करेंसी पर गणेश का चित्र भी देखने को मिलता है. वहां की नेशनल एयरलाइंस को गरुड़ एयरलाइंस कहा जाता है. इंडोनेशिया के राष्ट्रीय चिह्न में गरुड़ है.

  • इंडोनेशिया की सेना का जो Moto है उसमें लिखा है Tri Dharma Eka Karma. मतलब इंडोनेशिया की थल सेना, नौसेना और वायुसेना का एक ही लक्ष्य है.

  • इसी तरह नौसेना का MOTO भी संस्कृत से प्रभावित है. इसमें लिखा है Jalesveva Jayamahe (जलेसवेवा-जयामहे) यानी जल में विजय.

  • इंडोनेशिया के सुप्रीम कोर्ट का MOTO, धर्मायुक्ति (Dharmma Yukti) है जिसका मतलब होता है सही न्याय है. ये शब्द भी संस्कृत का ही शब्द है. 

  • पहली शताब्दी से 15वीं शताब्दी तक इंडोनेशिया पर अनेक हिंदू और बौद्ध राजाओं ने शासन किया था. इंडोनेशिया, चोल साम्राज्य का महत्वपूर्ण हिस्सा था . इस दौरान यहां अनेक हिंदू मंदिरों और बौद्ध विहारों का निर्माण किया गया.

  • साल 1973 में इंडोनेशिया सरकार ने अंतरराष्ट्रीय रामायण सम्मेलन का आयोजन भी किया था, जो अपने आप में काफी अनूठा आयोजन था. क्योंकि ऐसा पहली बार हुआ था, जब घोषित रूप से कोई मुस्लिम राष्ट्र पहली बार किसी अन्य धर्म के धर्मग्रन्थ के सम्मान में इस तरह का कोई आयोजन कर रहा था.

क्या है जी-20

  • G-20 में 19 देश और यूरोपीय संघ शामिल है. इसकी स्थापना साल 1999 में की गई थी. एक तरफ अमेरिका, चीन, रूस, जर्मनी, फ्रांस जैसे विकसित देश इसके सदस्य हैं.

  • दूसरी तरफ भारत, अर्जेंटीना, इंडोनेशिया, ब्राजील जैसे विकासशील देश भी इसके सदस्य हैं. G-20 के जितने सदस्य देश हैं, इन देशों में दुनिया की कुल जमीन का 60 प्रतिशत हिस्सा है. इससे आप समझ सकते हैं ये संगठन कितना बड़ा और प्रभावशाली है.

  • स्पेन एक स्थायी और गैर-सदस्य के रूप में हर वर्ष G-20 की बैठक में हिस्सा लेता है. इसके अलावा International Monetary Fund, World Health Organization, World Trade Organization, United Nations को भी स्थाई और गैर सदस्य के रूप में हर वर्ष बैठक में बुलाया जाता है.

  • इसके सभी सदस्यों को 5 समूहों में बांटा गया है. रूस, दक्षिण अफ्रीका और तुर्की के साथ भारत समूह 2 में है. जी-20 का कोई स्थायी मुख्यालय नहीं है और सचिवालय प्रत्येक वर्ष इसकी मेज़बानी करने वाले या अध्यक्षता करने वाले देशों के बीच बदलता रहता है.

  • इंडोनेशिया के बाद अब भारत G-20 का अध्यक्ष बनने वाला है और इस बैठक में ही भारत को इंडोनेशिया अध्यक्षता सौंपेगा. अगले वर्ष G-20 की बैठक भारत में ही होगी.

  • G-20 की मौजूदा बैठक और आगे की बैठक बेहद अहम है क्योंकि 2022, 2023 और 2024 की बैठक की अध्यक्षता 3 विकासशील देश लगातार कर रहे हैं. इस साल की बैठक की अध्यक्षता इंडोनेशिया कर रहा है, वहीं अगले साल की बैठक की अध्यक्षता भारत करेगा और 2024 की बैठक की अध्यक्षता ब्राजील करेगा.

क्यों की गई थी स्थापना?

G-20 की स्थापना का मकसद दुनिया भर में अर्थव्यवस्था की दिक्कतों को दूर करने के लिए किया गया था. लेकिन धीरे-धीरे इसकी अहमियत बढ़ती गई साथ ही इसके मुद्दों का भी विस्तार हुआ. अब दुनिया भर में आपसी कारोबार, रोजगार, ऊर्जा संकट, भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई, जलवायु परिवर्तन, स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या, आतंकवाद जैसे मुद्दों पर भी G-20 की बैठकों में चर्चा होती है.

ये स्टोरी आपने पढ़ी देश की सर्वश्रेष्ठ हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर

Trending news