PM Modi Speech G-20 Summit: बिना नाम लिए प्रधानमंत्री ने अमेरिका और यूरोप के देशों को दी नसीहत देते हुए कहा कि हमें एनर्जी की सप्लाई पर किसी भी तरह के प्रतिबंधों का बढ़ावा नहीं देना चाहिए.
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Russia-Ukraine War PM Modi: पीएम नरेंद्र मोदी ने इंडोनेशिया के बाली में जी-20 समिट के दौरान कहा कि दुनिया की समस्याओं से निपटने में संयुक्त राष्ट्र संघ असफल रहा है. हम उसमें पर्याप्त सुधार नहीं कर पाए हैं. बिना नाम लिए प्रधानमंत्री ने अमेरिका और यूरोप के देशों को दी नसीहत देते हुए कहा कि हमें एनर्जी की सप्लाई पर किसी भी तरह के प्रतिबंधों का बढ़ावा नहीं देना चाहिए. रूस यूक्रेन के बाद अमेरिका और यूरोप के देश कई तरह के प्रतिबंध लगा रहे हैं, उसका जिक्र भी पीएम मोदी ने किया है. उन्होंने कहा कि दुनिया को जी-20 से बहुत उम्मीदें हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि क्लाइमेट चेंज, कोविड महामारी, यूक्रेन का घटनाक्रम और उससे जुड़ी वैश्विक समस्याओं ने मिलकर दुनिया में तबाही मचा दी है. ग्लोबल सप्लाई चेन्स तहस-नहस हो गई हैं. पूरी दुनिया में जिंदगी के लिए जरूरी चीजों की सप्लाई का संकट बना हुआ है. हर देश के गरीब नागरिकों के लिए चुनौती और गंभीर है. वे पहले से ही रोजमर्रा के जीवन से जूझ रहे थे. उनके पास दोहरी मार से जूझने की आर्थिक क्षमता नहीं है.
'असफल रहा यूएन'
पीएम ने कहा, हमें इस बात को स्वीकार करने से भी संकोच नहीं करना चाहिए कि संयुक्त राष्ट्र जैसी मल्टीलैटरल संस्थाएं इन मुद्दों पर निष्फल रही हैं और हम सभी इनमें जरूरी सुधार करने में भी असफल रहे हैं. इसलिए आज जी-20 से विश्व को अधिक अपेक्षाएं हैं, हमारे समूह की प्रासंगिकता और बढ़ी है.
पीएम ने कहा, हमें यूक्रेन में संघर्ष-विराम और डिप्लोमैसी की राह पर लौटने का रास्ता खोजना होगा. पिछली शताब्दी में, दूसरे विश्व युद्ध ने विश्व में कहर ढाया था. उसके बाद उस समय के नेताओं ने शांति की राह पकड़ने का गंभीर प्रयास किया. अब हमारी बारी है. पोस्ट-कोविड काल के लिए एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की रचना करने का जिम्मा हमारे कंधों पर है.
उन्होंने कहा, समय की मांग है कि हम विश्व में शांति, सद्भाव और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस और सामूहिक संकल्प दिखाएं. मुझे विश्वास है कि अगले साल जब जी-20 बुद्ध और गांधी की पवित्र भूमि में मिलेगा, तो हम सभी सहमत हो कर, विश्व को एक मजबूत शांति-संदेश देंगे.
'भारत ने सुनिश्चित की फूड सिक्योरिटी'
जी-20 के मंच से पीएम मोदी ने कहा, महामारी के दौरान भारत ने अपने 1.3 बिलियन नागरिकों की फूड सिक्योरिटी सुनिश्चित की. साथ ही अनेकों जरूरत मंद देशों को भी खाने-पीने के सामानों की सप्लाई की. फूड सिक्योरिटी के संदर्भ में फर्टिलाइजर्स की वर्तमान किल्लत भी एक बहुत बड़ा संकट है. आज फर्टिलाइजर्स की किल्लत कल की फूड-क्राइसिस है, जिसका समाधान विश्व के पास नहीं होगा.
उन्होंने का, हमें खाद और खाद्यान्न दोनों की सप्लाई चेन्स को स्थिर और आश्वासित रखने के लिए आपसी सहमति बनानी चाहिए. भारत में सतत फूड सिक्युरिटी के लिए हम नेचुरल फार्मिंग को बढ़ावा दे रहे हैं और मिलेट्स जैसे पौष्टिक और पारंपरिक आहार को फिर से लोकप्रिय बना रहे हैं. मिलेट्स से वैश्विक मालन्यूट्रिशियन और भुखमरी का भी समाधान हो सकता है.
PM @narendramodi and @POTUS @JoeBiden interact during the @g20org Summit in Bali. pic.twitter.com/g5VNggwoXd
— PMO India (@PMOIndia) November 15, 2022
A brief discussion at the start of the @g20org Summit with President @EmmanuelMacron. pic.twitter.com/VEuZrWqRjc
— PMO India (@PMOIndia) November 15, 2022
बाइडेन से मिले मोदी
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से मुलाकात की. दोनों नेता गले लगे और गर्मजोशी से हाथ मिलाया. प्रधानमंत्री कार्यालय ने इसकी तस्वीरें शेयर की हैं, जिसमें दोनों नेता हाथ मिलाते नजर आ रहे हैं. पीएम ऑफिस ने ट्वीट में कहा, 'पीएम मोदी और जो बाइडेन बाली में जी-20 समिट के दौरान मिले. जी-20 फूड और एनर्जी सिक्योरिटी पर काम कर रहा है.' इसके अलावा पीएम मोदी फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों से भी मिले. रविवार रात पीएम मोदी बाली पहुंचे थे, जहां पारंपरिक तरीके से उनका स्वागत हुआ.
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