Rishi Sunak Family: नानी ने शादी के जेवर बेचकर खरीदा था ब्रिटेन का टिकट, संघर्षों की बुनियाद पर खड़ी है सुनक की सफलता की इमारत
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Rishi Sunak Family: नानी ने शादी के जेवर बेचकर खरीदा था ब्रिटेन का टिकट, संघर्षों की बुनियाद पर खड़ी है सुनक की सफलता की इमारत

Rishi Sunak: ऋषि सुनक के नाना और नानी पंजाब मूल के थे. ये लोग वर्ष 1960 में परिवार के साथ तंजानिया पहुंचे थे, लेकिन वहां गुजारा नहीं हो पा रहा था. नानी अपने जेवर बेचकर ब्रिटेन पहुंची थीं. ऋषि के पिता अविभाजित भारत के गुजरांवाला से नैरोबी पहुंचे थे और फिर रोजगार की तलाश में ब्रिटेन आए थे. 

ऋषि सुनक

Britain New PM Rishi Sunak: ऋषि सुनक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का चार्ज ले चुके हैं. उनके पीएम चुने जाने के बाद से ही भारत में उनकी काफी चर्चा हो रही है. इसकी वजह उनका भारतीय मूल का और हिंदू होना है. लोग उन्हें जमकर बधाइयां दे रहे हैं. इसके अलावा लोग उनके और उनके परिवार के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानना चाह रहे हैं. आज हर तरफ ऋषि सुनक की सफलता की चर्चा हो रही है, लेकिन ऐसा नहीं है कि यह सक्सेस यूं ही मिल गई हो, यहां तक पहुंचने के लिए ऋषि सुनक ने और उनके परिवार ने काफी संघर्ष भी किया है. आइए जानते हैं ऋषि के परिवार से जुड़ा एक ऐसा ही संघर्ष जिसे जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे.

नानी के एक फैसले से बदला सबकुछ 

ऋषि सुनक के नाना और नानी पंजाब मूल के थे. ये लोग वर्ष 1960 में परिवार के साथ तंजानिया पहुंचे थे, लेकिन वहां पर इनका गुजारा नहीं हो पा रहा था. इस बीच ऋषि सुनक की नानी जिनका नाम सरक्षा था, ने ब्रिटेन जाने का प्लान बनाया. वहां जाने के लिए टिकट के पैसे नहीं थे, तो उन्होंने अपनी शादी के जेवर बेच दिए. पर जेवर बेचकर भी वह सिर्फ एक ही टिकट खरीद पाईं. वह खुद ब्रिटेन चली गईं, जबकि ऋषि सुनक की मां ऊषा समेत उनके तीन औऱ बच्चे और पति तंजानिया में ही रह गए. सरक्षा ने ब्रिटेन के लिसेस्टर में एक बुक कीपर की नौकरी की और एक साल के अंदर रुपये जमाकर तंजानिया से बाकी परिवार को भी ब्रिटेन बुला लिया.

पिता ने संघर्ष के बाद भी एजुकेशन पर दिया जोर और बदली किस्मत

ऋषि सुनक की मां और नानी जैसा ही संघर्ष उनके पिता के परिवार ने किया. ऋषि सुनक के पिता अविभाजित भारत के गुजरांवाला से नैरोबी पहुंचे थे और फिर रोजगार की तलाश में ब्रिटेन आ गए थे. परिवार को शुरुआती दिनों में काफी संघर्ष करना पड़ा था, लेकिन उनके पिता ने बच्चों की शिक्षा पर काफी ध्यान दिया और इसी वजह से उनका संघर्ष अच्छे दिन में बदला. ऋषि सुनक की मां ऊषा और उनके पिता यशवीर की शादी वर्ष 1977 में हुई थी. शादी के कुछ साल बाद ऋषि सुनक का जन्म हुआ. इसके बाद ऋषि का एक छोटा भाई संजय सुनक और एक छोटी बहन राखी भी हुई. संजय सुनक प्रोफेशनली मनोचिकित्सक हैं, जबकि बहन राखी संयुक्त राष्ट्र में काम करती हैं. इन तीनों ने अपनी सफलता एजुकेशन के दम पर ही हासिल की.

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