Rohingya Crisis: रोहिंग्या से परेशान भारत का पड़ोसी देश! गृह मंत्री ने दी सेना तैनात करने की चेतावनी
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Rohingya Crisis: रोहिंग्या से परेशान भारत का पड़ोसी देश! गृह मंत्री ने दी सेना तैनात करने की चेतावनी

Rohingya Crisis 2022: रोहिंग्या शरणार्थियों (Rohingya Refugees) के कैंप जहां हैं वहां क्राइम की वारदातों में बढ़ोतरी देखने को मिली है. बांग्लादेश सरकार रोहिंग्या शरणार्थियों को वापस म्यांमार भेजने की कोशिश कर रही है.

रोहिंग्या समस्या से जूझ रहा बांग्लादेश.

Rohingya Crisis In Bangladesh: बांग्लादेश (Bangladesh) में रोहिग्या शरणार्थियों की समस्या (Rohingya Refugees Crisis) बढ़ती जा रही है. बांग्लादेश रोहिंग्या शरणार्थियों को वापस उनके देश भेजने की कोशिश भी कर रहा है. इस बीच, बांग्लादेश के गृह मंत्री (Home Minister) असदुज्जमां खान कमाल (Asaduzzaman Khan Kamal) ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो रोहिंग्या शरणार्थी कैंप में सेना के जवानों को तैनात किया जाएगा, जिससे क्राइम बढ़ने से रोका जा सके और नशीले पदार्थों (Drugs) की स्मगलिंग ना बढ़े.

कॉक्स बाजार में क्राइम 7 गुना बढ़ा

बांग्लादेश के अधिकारियों के मुताबिक, कॉक्स बाजार के इलाके में पिछले पांच साल में हत्या, लूट, रेप, ड्रग स्मगलिंग और कई अन्य तरह की आपराधिक गतिविधियों में लगभग सात गुना की वृद्धि हुई है. बता दें कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना भी इस बात का जिक्र कर चुकी हैं. उन्होंने अपने भाषण में कई बार पुलिस रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि कुछ रोहिंग्या शरणार्थी आपराधिक गतिविधियों को लीड कर रहे हैं और वे कैंप कट्टरपंथी संगठनों के लिए गढ़ बन रहे हैं.

रोहिग्या शरणार्थियों को वापस भेजने में जुटा बांग्लादेश

इस बीच, बांग्लादेश के गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल ने कहा, 'रोहिंग्या शरणार्थियों के मोबाइल फोन को ट्रैक किया जाएगा ताकि वे कोई भी अवैध गतिविधि न कर सकें.' रोहिंग्या संकट के समाधान के लिए सरकार की कोशिशों के बारे में मंत्री ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि रोहिंग्याओं को जल्द ही वापस भेजा जाएगा. सरकार की कोशिश अभी भी जारी है.

स्मगलिंग के मामलों में हुई ढाई गुना बढ़ोतरी

गौरतलब है कि म्यांमार से बांग्लादेश में हथियारों और ड्रग स्मगलिंग के मामलों में मौजूदा सैन्य शासन के तहत ढाई गुना बढ़ोतरी हुई है, जो कि आंग सान सू की के शासन के दौरान रिपोर्ट किया गया था.

जान लें कि बांग्लादेश, जिसने 2017 में म्यांमार की सेना की कार्रवाई से भागे रोहिंग्या शरणार्थियों का खुले हाथों से स्वागत किया, उनकी तेजी से बढ़ती आबादी और अपराध में कथित रूप से शामिल होने के कारण दबाव में है क्योंकि देश पांच साल बाद भी संकट का समाधान खोजने के लिए संघर्ष कर रहा है.

(इनपुट -आईएएनएस)

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