Underwater Art Gallery: समुद्र तल पर बनी एक आर्ट गैलरी, दो मूर्तिकार सागर की गहराइयों में क्यों बना रहे हैं मूर्तियां?
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Underwater Art Gallery: समुद्र तल पर बनी एक आर्ट गैलरी, दो मूर्तिकार सागर की गहराइयों में क्यों बना रहे हैं मूर्तियां?

Caribbean Seafloor: ये कलाकृतियां 1.5 मीटर (लगभग पांच फुट) ऊंची हैं. समुद्र तल के चारों ओर लगभग छह मीटर की गहराई पर फैली हुई हैं. आर्ट गैलरी न सिर्फ टूरिस्टों बल्कि मछलियों और गोताखोरों को भी आकृषित कर रही है.

Underwater Art Gallery: समुद्र तल पर बनी एक आर्ट गैलरी, दो मूर्तिकार सागर की गहराइयों में क्यों बना रहे हैं मूर्तियां?

Caribbean News: कैरिबियन समुद्र तल पर, एक अनूठी मूर्तिकला गैलरी आकार ले रही है. इस गैलरी को बनाने का मकसद है पर्यटन और जलवायु परिवर्तन से खतरे में पड़े कोरल (मूंगे) को एक घर प्रदान करना. ह्यूगो ओसोरियो और पेड्रो फ्यूएंटेस द्वारा, अब तक 25 आकृतियां कोलंबिया के तट से दूर इस्ला फुएर्टे के आसपास नीले पानी में बनाई गई हैं.

ये कलाकृतियां 1.5 मीटर (लगभग पांच फुट) ऊंची हैं. समुद्र तल के चारों ओर लगभग छह मीटर की गहराई पर फैली हुई हैं. पानी के नीचे बनी कोलंबिया की यह पहली आर्ट गैलरी न सिर्फ टूरिस्टों बल्कि मछलियों और गोताखोरों को भी आकृषित कर रही है.

2018 से जारी है प्रोजेक्ट
ये मूर्तियां 2018 से ही समद्र के नीच स्थापित की जा रही है. इन्हें MUSZIF नामक पहल के तहत रखना शुरू किया गया था. फैशन डिजाइनर और द्वीप निवासी तातियाना ओरेगो ने इसकी शुरूआत की थी.  25 और मूर्तियां समुद्र तल पर लगाने की योजना है.

ऑरेगो ने एएफपी को बताया, 'जब मुझे द्वीप की प्राकृतिक चट्टानों के क्षरण का पता लगा, तो मैंने इस आर्ट प्रोजेक्ट में कोरल को संरक्षित करने और बढ़ाने की संभावना देखी.'

ऑरेगो ने मिट्टी की मूर्तियों में छोटे कोरल बोए, और उन्हें उगते हुए देखा. उन्होंने कहा कि ये मूर्तियां समुद्री अकशेरुकी जीवों (Marine Invertebrates) के बढ़ने के लिए 'आदर्श सब्सट्रेट' हैं.

कोरल ब्लीचिंग
इस साल की शुरुआत से ही दुनिया ने उत्तरी और दक्षिणी गोलार्ध में कोरल ब्लीचिंग की एक बड़ी घटना देखी है. यू.एस. नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) के अनुसार, यह रिकॉर्ड की गई अब तक की चौथी और 10 वर्षों में दूसरी घटना है.

इन घटनाओं के कारण कोरल मर जाते हैं, जिससे उन पर निर्भर इकोसिस्टम के साथ-साथ टूरिज्म और फूड सिक्योरिटी पर भी असर होता है. NOAA के अनुसार, इसका कारण गर्म होते महासागर है.

पर्यावरण मंत्रालय के अनुसार, कोलंबिया के कोरल 100,000 फुटबॉल मैदानों के बराबर क्षेत्र में फैले हुए हैं, लेकिन दो-तिहाई से अधिक पहले ही ब्लीचिंग से पीड़ित हो चुके हैं. अन्य समस्याओं में गोताखोरों और पर्यटकों द्वारा सीधे रीफ को नुकसान पहुंचाना शामिल है.

ओरेगो कहते है, 'लोग यह नहीं समझते कि मूंगा एक जीवित प्राणी है.'

बता दें जब पानी बहुत गर्म होता है, तो कोरल अपने ऊतकों में रहने वाले शैवाल (ज़ूक्सैन्थेला) को बाहर निकाल देते हैं, जिससे कोरल पूरी तरह से सफेद हो जाते हैं. इसे कोरल ब्लीचिंग कहते हैं. जब कोरल ब्लीच होता है, तो वह मरता नहीं है. कोरल ब्लीचिंग की घटना से बच सकते हैं, लेकिन वे अधिक तनाव में होते हैं और मृत्यु के अधीन होते हैं.

मूर्तिकारों ने क्या कहा?
ओरेगो के कमीशन पर मूंगा-आवास मूर्तियां बनाने वाले ओसोरियो और फ़्यूएंटेस ने अपने डिज़ाइन जेून लोगों की पैतृक रचनाओं पर आधारित किए हैं. ये लोग स्पेनिश के आने से पहले कोलंबियाई कैरिबियन में रहते थे. 48 वर्षीय फ़्यूएंटेस ने कहा, 'यह सब हमारी जड़ों से आता है.' वहीं 59 वर्षीय ओसोरियो ने कहा, 'हम संस्कृति को जारी रखते हैं ताकि यह खो न जाए.'

File photo courtesy- Reuters:

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