'वरना होगा एक्शन...', केंद्र ने इस मामले पर X, Youtube और Telegram को दे दिया अल्टीमेटम
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'वरना होगा एक्शन...', केंद्र ने इस मामले पर X, Youtube और Telegram को दे दिया अल्टीमेटम

नोटिस में कहा गया है कि इन प्लेटफॉर्म्स को अपने प्लेटफॉर्म्स पर सीएसएएम तक पहुंच को शीघ्र और स्थायी रूप से हटाने या अक्षम करने की आवश्यकता है.

'वरना होगा एक्शन...', केंद्र ने इस मामले पर X, Youtube और Telegram को दे दिया अल्टीमेटम

भारत सरकार ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स X, YouTube और Telegram को चेतावनी दी है कि वे अपने प्लेटफॉर्म से भारतीय इंटरनेट पर किसी भी प्रकार की बाल यौन शोषण सामग्री (सीएसएएम) को हटा दें या कार्रवाई का सामना करें. नोटिस में कहा गया है कि इन प्लेटफॉर्म्स को अपने प्लेटफॉर्म्स पर सीएसएएम तक पहुंच को शीघ्र और स्थायी रूप से हटाने या अक्षम करने की आवश्यकता है.

सरकार ने दी चेतावनी

भारत सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को भविष्य में बाल यौन शोषण सामग्री (सीएसएएम) के प्रसार को रोकने के लिए सक्रिय उपाय करने का निर्देश दिया है. केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी राज्य मंत्री राजीव चन्द्रशेखर ने कहा कि सरकार ने X, YouTube और Telegram को नोटिस भेजा है कि वे अपने प्लेटफॉर्म्स पर किसी भी सीएसएएम को हटा दें. उन्होंने कहा कि सरकार आईटी नियमों के तहत एक सुरक्षित और विश्वसनीय इंटरनेट बनाने के लिए प्रतिबद्ध है.

नहीं तो होगी कार्रवाई

मंत्री राजीव चन्द्रशेखर ने कहा कि आईटी अधिनियम के तहत सोशल मीडिया मध्यस्थों को अपने प्लेटफॉर्म पर आपराधिक या हानिकारक सामग्री को हटाने के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि वे ऐसा नहीं करते हैं, तो उन्हें आईटी अधिनियम की धारा 79 के तहत उनके सुरक्षित आश्रय से वंचित किया जाएगा और उन्हें भारतीय कानून के तहत कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा.

मंत्रालय ने तीन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को नोटिस जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि इन आवश्यकताओं का अनुपालन न करना आईटी अधिनियम, 2021 के नियम 3(1)(बी) और नियम 4(4) का उल्लंघन होगा. 

चंद्रशेखर भारतीय इंटरनेट से ऐसी हानिकारक सामग्री को हटाने के पक्ष में हैं, और वे इस विश्वास में हैं कि यह दृष्टिकोण मंत्रालय की नीति के विकास को निरंतरता से समर्थन देगा. सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम, 2000, सीएसएएम के तहत अश्लील सामग्री को नियंत्रित करने के लिए कानूनी दिशानिर्देश प्रदान करता है. इस अधिनियम की धारा 66ई, 67, 67ए, और 67बी, ऑनलाइन अश्लील या अश्लील सामग्री के प्रसारण के खिलाफ कठोर दंड और जुर्माना प्रावधान करती है.

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