सरकार एक आईडी पर मिलने वाले सिम कार्ड की संख्या को 9 से घटाकर 4 करने की योजना बना रही है. यह कदम ऑनलाइन धोखाधड़ी को रोकने में मदद करेगा. क्योंकि इससे धोखेबाजों के लिए एक ही आईडी पर कई सिम कार्ड प्राप्त करना और उनका इस्तेमाल ऑनलाइन धोखाधड़ी के लिए करना मुश्किल हो जाएगा.
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ऑनलाइन धोखाधड़ी एक गंभीर समस्या है. इसमें सिम कार्ड का इस्तेमाल किया जाता है. सरकार सिम कार्ड की संख्या को सीमित करने की योजना बना रही है. अभी तक एक आईडी पर 9 सिम कार्ड जारी किए जाते हैं. लेकिन सरकार एक आईडी पर मिलने वाले सिम कार्ड की संख्या को 9 से घटाकर 4 करने की योजना बना रही है. यह कदम ऑनलाइन धोखाधड़ी को रोकने में मदद करेगा. क्योंकि इससे धोखेबाजों के लिए एक ही आईडी पर कई सिम कार्ड प्राप्त करना और उनका इस्तेमाल ऑनलाइन धोखाधड़ी के लिए करना मुश्किल हो जाएगा.
एक आईडी पर चार सिम कार्ड की गाइडलाइंस: लीक्स
एनबीटी ने लीक रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि टेलीकॉम मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक आईडी पर सिम कार्ड की संख्या को चार तक सीमित करने की गाइडलाइंस को मंजूरी दे दी है. यह गाइडलाइंस जल्द ही जनता के लिए जारी की जाएगी. इसके अलावा, सरकार ग्राहक सत्यापन प्रक्रिया को पूरी तरह से डिजिटल करने की भी योजना बना रही है. इससे धोखाधड़ी को रोकने में मदद मिलेगी.
मिलेंगे कितने सिम
सरकार ने एक नई सुविधा शुरू की है, जिससे आप पता लगा सकते हैं कि आखिर आपकी आईडी पर कितने सिम कार्ड जारी किए जा सकते हैं. यह सुविधा संचार साथी पोर्टल पर उपलब्ध है. अगर आपको लगता है कि कहीं आपके नंबर पर फ्रॉड सिम जारी किया गया है, तो आप संचार साथी पोर्टल पर जाकर उसका पता लगा सकते हैं और उसे ब्लॉक कर सकते हैं. यह सुविधा लोगों को ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचाने के लिए शुरू की गई है. इससे लोगों को यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि उनके नाम पर कितने सिम कार्ड जारी किए गए हैं और अगर कोई फ्रॉड सिम जारी किया गया है तो उसे ब्लॉक कर सकते हैं.
AI रोकेगा फ्रॉड कॉल
सरकार अनचाही कॉल और फ्रॉड कॉलिंग को रोकने के लिए कदम उठा रही है. इसमें टेलीकॉम कंपनियों को एआई फिल्टर लगाने में मदद करना शामिल है. एआई फिल्टर अनजान कॉल और मैसेज की पहचान कर सकते हैं और उन्हें ब्लॉक कर सकते हैं. यह कदम स्वागत योग्य है. इससे लोगों को अनचाही कॉल और फ्रॉड कॉलिंग से बचाने में मदद मिलेगी. सरकार का मानना है कि इन उपायों से अनचाही कॉल और फ्रॉड कॉलिंग की संख्या में कमी आएगी. इससे लोगों को सुरक्षित और आरामदायक महसूस करने में मदद मिलेगी.