Khelo India Youth Games 2023: वेल्डर पिता और हाउसवाइफ मां की बेटी ने रचा इतिहास, जूडो में जीता सोना
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Khelo India Youth Games 2023: वेल्डर पिता और हाउसवाइफ मां की बेटी ने रचा इतिहास, जूडो में जीता सोना

:KIYG 2023: स्कूल में पढ़ रहीं 12वीं क्लास की सपना ने अपने माता-पिता का नाम रोशन किया है. उन्होंने खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2023 में सोना जीतकर इतिहास रच दिया.

Khelo India Youth Games 2023: वेल्डर पिता और हाउसवाइफ मां की बेटी ने रचा इतिहास, जूडो में जीता सोना

Khelo India Youth Games: बचपन में मेडल के प्रति जुनून ने चंडीगढ़ की सपना को खेलों की ओर आकर्षित किया. अब वह तमिलनाडु के चेन्नई में चल रहे खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2023 में जूडो खेलते हुए अपने सपनों को साकार कर रही यहीं. इस प्रतियोगिता में सपना ने दूसरा गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है. उन्होंने रविवार (22 जनवरी) को यह मेडल जुडो अंडर-40 किलोग्राम वर्ग में जीता. बता दें कि सपना अभी 12वीं क्लास में पढ़ रही हैं. उनकी बचपन से ही मेडल जीतने में रुचि रही है. योग से शुरु हुआ सफर जुडो तक पहुंचा. यहां तक कि सपना ने कोविड के दौरान भी ट्रेनिंग करना नहीं छोड़ा था.      

पिता वेल्डर तो मां हैं हाउसवाइफ 

सपना का सफर योग से शुरू हुआ. पांच साल पहले उन्हें कुछ दोस्तों नेजूडो में शामिल होने के लिए प्रेरित किया. सपना के नाम अब 12 मेडल है. बता दें कि सपना के पिता एक वेल्डर हैं और मां एक हाउसवाइफ हैं. सपना ने बताया कि उनके माता-पिता को उनके खेल के बारे में कोई जानकारी नहीं है, लेकिन पेरेंट्स ने उन्हें कभी भी किसी भी चीज के लिए नहीं रोका.

'मेरा लक्ष्य केवल मेडल जीतना'

सपना ने कहा, 'मैं मेडल के लिए पागल थी, चाहे खेल कोई भी हो. मैं केवल मेडल जीतना चाहती थी. पास के स्कूल में मैंने कुछ बच्चों को योगा करते देखा और मैं भी उनके साथ शामिल हो गई. लेकिन, कुछ दिनों बाद मेरी वहां कुछ अन्य बच्चों से दोस्ती हो गई और उन्हें जूडो की ट्रेनिंग लेते हुए देखा. मुझे यह खेल तुरंत पसंद आया और मैंने इसे जारी रखने का फैसला किया... और इस तरह सफर शुरू हुआ.'

कोविड में भी नहीं छोड़ी ट्रेनिंग 

12वीं कक्षा की छात्रा सपना के खेल के शुरुआती दिन कोविड-19 महामारी से प्रभावित थे, लेकिन उन्होंने ट्रेनिंग का एक भी दिन नहीं छोड़ा. सपना ने बताया, 'हमारे ट्रेनर ऑनलाइन क्लास लेते थे और हमें अपने ट्रेनिंग के छोटे वीडियो बनाने का काम सौंपा गया था. मैंने एक भी दिन का ट्रेनिंग नहीं छोड़ी. मुझे किसी तरह महसूस हुआ कि अगर मैं ट्रेनिंग के लिए एक दिन भी चूक गई तो प्रतियोगिताओं के फिर से शुरू होने पर मैं मेडल से भी चूक जाऊंगी. उस भावना ने मुझे और अधिक मेहनत करने के लिए प्रेरित किया.'

नेशनल कैडेट महिला लीग में जीता पहला गोल्ड

सपना ने पहली बार नेशनल कैडेट महिला लीग में सफलता का स्वाद चखा, जब उन्होंने गोल्ड मेडल जीता. इसके बाद से ही सपना ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. इस स्टार खिलाड़ी ने अब तक कुल मिलाकर चार नेशनल कैडेट महिला लीग गोल्ड मेडल, दो खेलो इंडिया गोल्ड और नेशनल चैंपियनशिप में कई सिल्वर और ब्रॉन्ज मैडल जीते हैं. सपना ने अपने शानदार प्रदर्शन और कौशल से न केवल खेल के इतिहास में अपना नाम रोशन किया है, बल्कि अपने भाई-बहनों को भी इसे अपनाने के लिए प्रेरित किया है.

(एजेंसी इनपुट के साथ) 

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