CWC: ओलंपिक कांस्य पदक विजेता मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन ने आरोप लगाया कि इंग्लैंड के बर्मिंघम में उनके कोच को अधिकारियों से ‘लगातार उत्पीड़न’ का सामना करना पड़ रहा है, जिससे कॉमनवेल्थ गेम्स की उनकी तैयारियों में बाधा आ रही है.
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CWC: ओलंपिक कांस्य पदक विजेता मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन ने आरोप लगाया कि इंग्लैंड के बर्मिंघम में उनकी कोच को अधिकारियों से ‘लगातार उत्पीड़न’ का सामना करना पड़ रहा है, जिससे कॉमनवेल्थ गेम्स की उनकी तैयारियों में दिक्कत आ रही है. भारतीय मुक्केबाजी टीम रविवार रात आयरलैंड में प्रैक्टिस कैम्प के बाद यहां खेल गांव पहुंची, लेकिन लवलीना की निजी कोच संध्या गुरुंग खेलगांव में प्रवेश नहीं कर सकीं, क्योंकि उनके पास एक्रीडिटेशन (मान्यता) नहीं था.
ओलंपिक मेडलिस्ट लवलीना ने लगाए गंभीर आरोप
लवलीना संभवत: कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान अपने निजी कोच अमेय कोलेकर को अपने साथ रखना चाहती थीं, लेकिन वह भारतीय दल की लंबी सूची में शामिल नहीं थे. उन्होंने ट्विटर पर एक लंबे पोस्ट में अपनी पीड़ा साझा की. लवलीना ने ट्वीट किया, ‘आज मैं बहुत दुख के साथ कह रही हूं कि मुझे (मानसिक तौर पर) प्रताड़ित किया जा रहा है. ओलंपिक में पदक लाने में मेरी मदद करने वाले कोच को मेरे अभ्यास और प्रतियोगिता के समय हर बार हटाकर मुझे प्रताड़ित किया जा रहा है.’
लवलीना मामले के बाद एक्शन में खेल मंत्रालय
खेल मंत्रालय ने लवलीना की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) को आदेश दिया है कि वह लवलीना की कोच के एक्रीडिटेशन (मान्यता) का इंतजाम करे. मंत्रालय के खेल विभाग ने ट्विटर पर लवलीना की शिकायत पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'हमने भारतीय ओलंपिक महासंघ से अनुरोध किया है कि लवलीना बोरगोहेन की कोच के प्रमाणन के लिए तुरंत इंतजाम किया जाए.'
खेलगांव में कोच के साथ हुई ऐसी बदसलूकी
लवलीना ने लिखा, ‘इनमें से एक कोच संध्या गुरुंग द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता भी है. मेरे दोनों कोच को शिविर में अभ्यास के लिए हजार बार हाथ जोड़ने के बाद बहुत देरी से शामिल किया जाता है. इससे मुझे अभ्यास में बहुत परेशानी उठानी पड़ती है और मानसिक प्रताड़ना तो होती ही है.’
संध्या गुरुंग राष्ट्रमंडल खेल गांव के बाहर
ओलंपिक कांस्य पदक विजेता ने कहा, ‘अभी मेरी कोच संध्या गुरुंग राष्ट्रमंडल खेल गांव के बाहर है. उन्हें प्रवेश नहीं मिल रहा है. इससे मेरा अभ्यास खेल से ठीक आठ दिन पहले रुक गया है. मेरे दूसरे कोच को भी भारत वापस भेज दिया गया है.’ लवलीना ने आरोप लगाया कि विश्व चैम्पियनशिप (इस्तांबुल) से पहले भी उनके साथ ऐसा ही बर्ताव हुआ था. उन्हें डर है कि बर्मिंघम में भी उनके साथ ऐसा होगा.
मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया
लवलीना ने कहा, ‘मेरी इतनी गुजारिश करने के बाद भी ये हुआ है, इसने मुझे मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया है. मुझे समझ नहीं आ रहा कि मैं खेल पर कैसे ध्यान दूं. इसी वजह से पिछली विश्व चैम्पियनशिप में मेरा प्रदर्शन खराब रहा था. इस राजनीति के चलते मैं राष्ट्रमंडल खेल में अपना प्रदर्शन खराब नहीं करना चाहती हूं.’ उन्होंने लिखा, ‘आशा करती हूं कि मैं अपने देश के लिए इस राजनीति को तोड़ कर पदक ला पाऊं. जय हिंद.’
भारतीय मुक्केबाजी महासंघ ने दिया ये रिएक्शन
भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) ने कहा कि एक्रीडिटेशन प्रक्रिया का प्रबंधन भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) द्वारा किया जा रहा है और उम्मीद है कि जल्द ही इस मुद्दे को सुलझा लिया जाएगा. बीएफआई सचिव हेमंत कलिता ने कहा, ‘आईओए और बीएफआई लगातार संध्या का एक्रीडिटेशन प्राप्त करने के लिए काम कर रहे हैं. यह आईओए के हाथ में है लेकिन आज या कल तक आ जाएगा.’
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