Indian Team: भारतीय टीम में नहीं मिली इस दिग्गज प्लेयर को जगह, अब सेलेक्शन को लेकर तोड़ दी चुप्पी!
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Indian Team: भारतीय टीम में नहीं मिली इस दिग्गज प्लेयर को जगह, अब सेलेक्शन को लेकर तोड़ दी चुप्पी!

Asian Games: भारत ने दुनिया को एक से एक खिलाड़ी दिए, जिन्होंने देश-विदेश में सर्वोच्च स्थान हासिल किया. टीम को कई खिताब दिलाए लेकिन कुछ ऐसे भी नाम हैं जिन्हें अचानक से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. ऐसे ही एक दिग्गज प्लेयर को एशियन गेम्स के लिए टीम में नहीं चुना गया तो उन्होंने रिएक्ट किया है.

indian legend player rani rampal

Asian Games-2023, Rani Rampal Interview: भारत को इसी साल चीन में एशियन गेम्स खेलने हैं. इन खेलों में क्रिकेट, हॉकी जैसे तमाम स्पोर्ट्स इवेंट आयोजित किए जाएंगे. इस बीच भारत की पूर्व हॉकी कप्तान रानी रामपाल (Rani Rampal) ने बड़ा बयान दिया है. रानी को एशियन गेम्स के लिए चुनी गई भारतीय टीम का हिस्सा नहीं बनाया गया है.

'कोई मलाल नहीं है...'

पूर्व भारतीय हॉकी कप्तान रानी रामपाल (Rani Rampal) अब मैदान पर शायद दोबारा राष्ट्रीय टीम का प्रतिनिधित्व करते हुए नजर ना आएं लेकिन उन्हें इस बात का कोई मलाल नहीं है. रानी ने कहा कि वह जो भी मौका मिले, उसका पूरा फायदा उठाने में भरोसा रखती हैं. रानी की कप्तानी में भारत ने 2021 में तोक्यो ओलंपिक गेम्स (Olympic Games) में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए चौथा स्थान हासिल किया था. उन्हें साल 2020 में मेजर ध्यान चंद खेल रत्न अवॉर्ड से सम्मानित किया गया. इसी साल उन्हें देश का चौथा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री भी मिला. 

अब कोचिंग देने की तैयारी

भारत की लड़कियों की अंडर-17 टीम को कोचिंग देने की तैयारी कर रहीं रानी ने इंटरव्यू में कहा, ‘अब मुझे कोई मलाल नहीं है, मुझे पता है कि मैंने अपना काम कर दिया है. अब भी कर रही हूं. जीवन में अगर एक दरवाजा बंद हो जाए तो भगवान दूसरा खोल देता है. आप जीवन में उलझते नहीं हो. मैंने महसूस किया है कि जीवन में आपको नीचे खींचने के लिए कई लोग हैं लेकिन आपको खुद को ऊपर उठाना होता है. हॉकी ने मुझे पहचान दी, इसी के कारण लोग मेरी बात सुनते हैं, मुझसे बात करते हैं. इसलिए मैं किसी भी भूमिका में हॉकी के लिए काम करना चाहती हूं. आप बच्चों का मार्गदर्शन कर सकते हैं, उनके सिखा सकते हैं. कोई भी हॉकी के लिए मेरे जुनून को नहीं छीन सकता.’

7 साल की उम्र में शुरू किया खेल

रानी ने कई मुश्किल हालात से उबरकर हॉकी में अपनी पहचान बनाई. उन्होंने कहा, ‘सफर अच्छा लेकिन काफी संघर्षों से भरा रहा. काफी अच्छे लम्हे आए और बहुत कुछ सीखा. यह सब कड़ी मेहनत और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने पर निर्भर करता है, बाकी सब कुछ भगवान पर छोड़ देना चाहिए. मैंने 7 साल की उम्र में हॉकी खेलना शुरू किया. मैं 22 साल पहले की बात कर रही हूं. उस समय हरियाणा में लड़कियों का खेल से जुड़ना अच्छा नहीं माना जाता था लेकिन अब इसमें काफी बदलाव आ गया है. अब हरियाणा में माता-पिता अपनी बेटी को खेलने के लिए प्रोत्साहित करते हैं.’

पिता को दिया श्रेय

रानी ने खुद को सपोर्ट करने के लिए अपने पिता और कोच बलदेव सिंह को श्रेय दिया. उन्होंने कहा, ‘मेरे सभी रिश्तेदारों से आपत्ति जताते हुए कहा कि उसे शॉर्ट्स, स्कर्ट पहननी होगी और इससे परिवार का नाम खराब होगा. उस समय मेरे पिता ने मेरा सपोर्ट किया लेकिन कहा कि कुछ ऐसा मत करना जिससे हमें निराशा हो. उनमें यह भरोसा जगाने के लिए कि मैं कुछ हासिल कर सकती हूं, मुझे कई साल लगे. आज मैं जो हूं उसमें मेरे कोच बलदेव सर का योगदान भी बहुत ज्यादा है.' (PTI से इनपुट)

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