Asteroid in Hindi: अंतरिक्ष एजेंसी नासा के अनुसार, लगभग 14 वर्षों में एस्टेरॉयड के पृथ्वी से टकराने की 72% संभावना है. सटीक तौर पर कहा जाए तो 12 जुलाई 2038 तक एस्टेरॉयड के पृथ्वी से टकराने की 72 प्रतिशत संभावना है.
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NASA's Tabletop asteroid defense exercise: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने बताया है कि एक खतरनाक एस्टेरॉयड के संभावित रूप से पृथ्वी से टकराने की 72 प्रतिशत संभावना है. नासा ने यह भी बताया है कि हम इस एस्टेरॉयड को रोकने के लिए पर्याप्त रूप से तैयार नहीं हो सकते हैं. यानी इस एस्टेरॉयड को रोकने के लिए हम अभी तैयार नहीं हैं
अंतरिक्ष एजेंसी की एक आधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार, नासा ने अप्रैल में पांचवां द्विवार्षिक प्लैनेटरी डिफेंस इंटरएजेंसी टेबलटॉप अभ्यास आयोजित किया था. 20 जून को नासा ने जॉन्स हॉपकिन्स एप्लाइड फिजिक्स लेबोरेटरी (एपीएल) में इस अभ्यास का समरी प्रस्तुत किया. इसी दौरान उन्होंने बताया कि एक खतरनाक एस्टेरॉयड के पृथ्वी से टकराने की संभावना 72 प्रतिशत तक आंकी गई है. इस टेबलटॉप अभ्यास में नासा के अलावा विभिन्न अमेरिकी सरकारी एजेंसियों और अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के लगभग 100 प्रतिनिधि शामिल हुए थे.
यह अभ्यास किसी संभावित खतरनाक एस्टेरॉयड के खतरे को प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया देने की पृथ्वी की क्षमता का आकलन करने के लिए किया गया था. हालांकि, राहत की बात यह है कि निकट भविष्य में पृथ्वी से किसी खतरनाक एस्टेरॉयड के टकराने की संभावना नहीं है.
इस तारीख को एस्टेरॉयड के पृथ्वी के टकराने की संभावना
नासा की ओर से जारी टेबलटॉस अभ्यास के समरी में कहा गया है, "अभ्यास के दौरान शामिल प्रतिभागियों ने एक काल्पनिक परिदृश्य के लिए संभावित राष्ट्रीय और वैश्विक प्रतिक्रियाओं पर विचार किया. प्रारंभिक गणना के अनुसार, लगभग 14 वर्षों में एस्टेरॉयड के पृथ्वी से टकराने की 72% संभावना है. सटीक तौर पर कहा जाए तो 12 जुलाई 2038 तक एस्टेरॉयड के पृथ्वी से टकराने की 72 प्रतिशत संभावना है.
LIVE: We're discussing the results of our latest biennial tabletop exercise to simulate responses to a hypothetical asteroid impact threat. Tune in for more info on our findings and recommendations: https://t.co/cfGgS5d9yr
— NASA (@NASA) June 20, 2024
क्या है एस्टेरॉयड?
नासा के आधिकारिक वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, एस्टेरॉयड लगभग 4.6 अरब वर्ष पहले हमारे सौर मंडल के निर्माण के बाद बचे चट्टानी अवशेष हैं. हमारा सौर मंडल लगभग 4.6 अरब साल पहले तब शुरू हुआ जब गैस और धूल का एक बड़ा बादल ढह गया था. इस घटना के बाद अधिकांश चीजें बादल के केंद्र में गिर गई और सूर्य का निर्माण हुआ. बादलों में संघनित धूल का कुछ भाग ग्रह बन गया.
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इसे लघु ग्रह या क्षुद्रग्रह भी कहा जाता है. अधिकांश क्षुद्रग्रह मुख्य क्षुद्रग्रह बेल्ट के भीतर मंगल और बृहस्पति के बीच हमारे सूर्य की परिक्रमा करते हुए पाए जा सकते हैं. क्षुद्रग्रहों का आकार 33 फीट (10 मीटर) से लेकर लगभग 329 मील (530 किलोमीटर) व्यास वाले पिडों तक होता है. सभी क्षुद्रग्रहों का कुल द्रव्यमान पृथ्वी के चंद्रमा के द्रव्यमान से कम है. NASA/JPL की सोलर सिस्टम डायनेमिक्स वेबसाइट के अनुसार, क्षुद्रग्रहों या छोटे ग्रहों की वर्तमान ज्ञात संख्या 1,370,772 है.