Space Science: इस नए ग्रह पर जीवन की है अपार संभावना! पृथ्वी से हो रही तुलना
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Space Science: इस नए ग्रह पर जीवन की है अपार संभावना! पृथ्वी से हो रही तुलना

NASA Exoplanet: वैज्ञानिकों ने एक ऐसे ग्रह की खोज की है जो यह आकार में पृथ्वी के समान है, संरचना में इसके चट्टानी होने की संभावना है और संभावित रूप से यहां जीवन हो सकता है. वैज्ञानिकों का मानना है कि यहां पानी भी मौजूद हो सकता है.

फाइल फोटो

Second Earth Found: नासा ने हाल ही में टीओआई-700 नामक एक तारे के रहने योग्य क्षेत्र में पृथ्वी के आकार के एक ग्रह की खोज की है. वैज्ञानिकों का कहना है कि टीओआई-700ई पृथ्वी से सिर्फ 100 प्रकाश वर्ष दूर है. हालांकि मनुष्यों के आने-जाने के लिए ये ग्रह बहुत दूर है लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि यह आकार में पृथ्वी के समान है, संरचना में इसके चट्टानी होने की संभावना है और संभावित रूप से यहां जीवन हो सकता है. वैज्ञानिकों का मानना है कि यहां पानी भी मौजूद हो सकता है.

यहां हो सकता है जीवन

वास्तव में टीओआई-700ई सिर्फ टीओआई-700 स्टार सिस्टम में दो संभावित रहने योग्य ग्रहों में से एक है. रहने लायक ग्रहों की बात की जाए तो ऐसे ग्रह जो अपने तारे से एक निश्चित दूरी पर होते हैं. इसकी वजह से उनके सतह का तापमान नियत रहता है. इसके अलावा ये ग्रह तरल पानी को बनाए रख सकते हैं. आपको बता दें कि रिसर्चर ने एक ऐसे सिस्टम पर काम करना शुरू किया है जो इन सवालों के जवाब दे सकें कि कि ग्रह कैसे बनते हैं, वे कैसे विकसित होते हैं और क्या ब्रह्मांड में जीवन मौजूद हो सकता है. टीओआई-700ई इन कई अन्य ग्रहों की खोजों से अलग है क्योंकि यह भविष्य के अध्ययन के लिए उपयुक्त है जो सौर मंडल के बाहर जीवन की स्थितियों के बारे में बड़े सवालों के जवाब देने में मदद कर सकता है.

एक्सोप्लैनेट की खोज में दिलचस्पी

खगोलविदों ने साल 1995 में पहला एक्सोप्लैनेट खोजा था. एक्सोप्लैनेट खोज और अनुसंधान का क्षेत्र तब से तेजी से विकसित हो रहा है. पहले खगोलविदों को हर साल केवल कुछ एक्सोप्लैनेट्स मिल रहे थे लेकिन बेहतर टेक्नोलॉजी के साथ एक्सोप्लैनेट का पता लगाने के तरीकों और उपकरणों में सुधार हुआ है. 30 वर्षों में वैज्ञानिक जहां पहले मुश्किल से एक्सोप्लैनेट का पता लगा पाते थे, अब जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने इसे थोड़ा आसान बना दिया है. आज 5,000 से अधिक ज्ञात एक्सोप्लैनेट हैं, जिनमें गैस भंडारों से लेकर छोटे चट्टानी क्षेत्र वाले ग्रह शामिल हैं.

(इनपुट: एजेंसी)

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