NASA DART Mission: अंतरिक्ष में पहली बार धरती को बचाने का मिशन सफल, एस्टेरॉयड से टकराया नासा का स्पेसक्राफ्ट
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NASA DART Mission: अंतरिक्ष में पहली बार धरती को बचाने का मिशन सफल, एस्टेरॉयड से टकराया नासा का स्पेसक्राफ्ट

Asteriod Attack: 27 सितंबर की  सुबह करीब 4.45 बजे एस्टेरॉयड डिडिमोस के चंद्रमा जैसे पत्थर डाइमॉरफोस से डार्ट मिशन टकराया. इसी के साथ यह मिशन (Double Asteriod Redirection Test-DART) का काम पूरा हो गया. एस्टेरॉयड से स्पेसक्राफ्ट टकरा गया.

 

NASA DART Mission: अंतरिक्ष में पहली बार धरती को बचाने का मिशन सफल, एस्टेरॉयड से टकराया नासा का स्पेसक्राफ्ट

Space News: धरती पर अगर भविष्य में कोई एस्टेरॉयड हमला होता है तो उससे बचने का तरीका मिल गया है. अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने प्लैनेटरी डिफेंस टेस्ट (Planetary Defense Test) यानी डार्ट मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है. भविष्य में धरती को सबसे ज्यादा खतरा एस्टेरॉयड से होगा. 

27 सितंबर की  सुबह करीब 4.45 बजे एस्टेरॉयड डिडिमोस के चंद्रमा जैसे पत्थर डाइमॉरफोस से डार्ट मिशन टकराया. इसी के साथ यह मिशन (Double Asteriod Redirection Test-DART) का काम पूरा हो गया. एस्टेरॉयड से स्पेसक्राफ्ट टकरा गया. फिलहाल डिइमॉरफोस किसी दिशा में मुड़ा, यह तो डेटा आने के बाद ही मालूम चल सकेगा. इसी थीम पर साल 1998 में एक फिल्म आर्मागेडन भी बन चुकी है, जिसने दुनिया भर में 553 मिलियन डॉलर की कमाई की थी.

डिडिमोस एस्टेरॉयड के चंद्रमा डाइमॉरफोस से डार्ट मिशन टकराया. अगर डाइमॉरफोस अपनी कक्षा और दिशा बदल लेता है तो धरती को भविष्य में ऐसा खतरा नहीं रह जाएगा, जो स्पेस से हमारी ओर आ सके. जिस वक्त डार्ट मिशन के स्पेसक्राफ्ट ने डाइमॉरफोस से टक्कर की, तब उसकी रफ्तार 22,530 किलोमीटर प्रति घंटा थी.

डार्ट मिशन ने टक्कर से पहले एस्टेरॉयड डिडिमोस और डाइमॉरफोस की संरचना, पत्थर, मिट्टी और उनके वातावरण की भी स्टडी की. इस मिशन के दौरान काइनेटिक इम्पैक्टर तकनीक का इस्तेमाल किया गया. डिडिमोस का डायमीटर 2600 फीट है. इसके चारों ओर डाइमॉरफोस चक्कर लगाता है, जिसका डायमीटर 525 फीट है. अब टक्कर के बाद दोनों पत्थरों की दिशा और रफ्तार में आए बदलावों पर अध्ययन किया जाएगा. 

नासा ने धरती के चारों ओर 8000 से ज्यादा नीयर-अर्थ ऑब्जेक्ट्स रिकॉर्ड किए हैं. ये ऐसी चीजें हैं, जो भविष्य में धरती को नुकसान पहुंचा सकती हैं. इनमें से कुछ का आकार 460 फीट डायमीटर से ज्यादा है. इसका मतलब है कि अगर भविष्य में एक भी पत्थर धरती से टकराया तो अमेरिका जैसे देश का एक राज्य नेस्तनाबूद हो जाएगा. वहीं अगर समुद्र में गिरा तो 2011 में जापान में आई सुनामी से भी ज्यादा तबाही हो सकती है. 

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