विश्वकर्मा जयंती आज, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त, विधि और महत्‍व
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विश्वकर्मा जयंती आज, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त, विधि और महत्‍व

Vishwakarma Jayanti 2024: भगवान विश्वकर्मा को ब्रह्माण्ड का पहला इंजीनियर माना जाता है. वे देवताओं के शिल्‍पकार्य थे और सृष्टि का निर्माण भी उन्‍होंने किया. माघ शुक्‍ल त्रयोदशी को भगवान विश्वकर्मा की जयंती मनाई जाती है. 

विश्वकर्मा जयंती आज, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त, विधि और महत्‍व

Vishwakarma Jayanti 22 February 2024: हिंदू धर्म में भगवान विश्वकर्मा की जयंती को बहुत अहम माना गया है. वे ब्रह्मंड के पहले इंजीनियर माने जाते हैं क्‍योंकि उन्‍होंने सृष्टि का निर्माण किया. इतना ही नहीं भगवान विश्वकर्मा ने ही भगवान शिव के त्रिशूल, भगवान कृष्ण के सुदर्शन चक्र और द्वारिका नगरी में उनके महल का भी निर्माण किया था. हर साल माघ मास के शुक्‍ल पक्ष की त्रयोदशी को भगवान विश्वकर्मा जयंती मनाई जाती है. इस दिन भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाती है. इस साल विश्वकर्मा जयंती 22 फरवरी, गुरुवार यानी कि आज मनाई जा रही है. वहीं हर साल 17 सितंबर को कन्‍या संक्रांति के दिन विश्वकर्मा पूजा की जाती है. 

विश्वकर्मा जयंती 2024 

पंचांग के अनुसार माघ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 21 फरवरी 2024 को सुबह 11 बजकर 28 मिनट से शुरू हो चुकी है और 22 फरवरी की दोपहर 1 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगी. उदयातिथि के अनुसार विश्वकर्मा जयंती 22 फरवरी 2024, गुरुवार को मानी जाएगी. इस दिन भगवान विश्वकर्मा की विधि-विधान से पूजा करें. 

कारखानों में होती है विशेष पूजा 

विश्वकर्मा जयंती के दिन शिल्‍पकार, इंजीनियर, मूर्तिकार, वास्‍तुकार आदि पूजा करते हैं. विश्वकर्मा जयंती के दिन कारखानों, फैक्‍ट्री में मशीनों, औजारों की विशेष पूजा की जाती है. मजदूर, बढ़ई, कारखानों में काम करने वाले श्रमिकों, औजारों-मशीनों का व्‍यवसाय करने वाले लोगों के लिए भी विशेष होता है. विश्वकर्मा जयंती के दिन भगवान विश्वकर्मा की पूजा-प्रार्थना करने से व्‍यवसाय में सफलता मिलती है. कामकाज अच्‍छा चलता है. 

ऐसे करें विश्वकर्मा जयंती पर पूजा 

विश्वकर्मा जयंती को स्‍नान के बाद साफ कपड़े पहनें. फिर दुकान, फैक्ट्री, वर्कशॉप या घर में जहां भी पूजा करनी है, वहां साफ-सफाई करें. पूजा स्‍थल को गंगाजल छिड़क कर पवित्र करें. रंगोली या चौक बनाकर लकड़ी के पटे पर भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति या तस्‍वीर स्थापित करें. भगवान विश्वकर्मा को फूल ​अर्पित करें. देसी घी का दीपक प्रज्वलित करें. उन्‍हें अक्षत, फल-मिठाई अर्पित करें. मशीनों, औजारों की पूजा करें. इस दिन 'ॐ आधार शक्तपे नम:', 'ॐ कूमयि नम:', 'ॐ अनन्तम नम:' मंत्र का जाप करें. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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