Navratri 2022 6th Day Puja: नवरात्रि के छठे दिन होती है मां कात्यायनी की पूजा, जानें कथा, प्रिय रंग
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Navratri 2022 6th Day Puja: नवरात्रि के छठे दिन होती है मां कात्यायनी की पूजा, जानें कथा, प्रिय रंग

Maa Katyayani 6th Day Puja: नवरात्रि का छठा दिन मां कात्यायनी का समर्पित है. इस दिन मां दुर्गा के कात्यायनी स्वरूप की पूजा की जाती है. जानें इस दिन की कथा, मां का प्रिय भोग और रंग. 

 

फाइल फोटो

Maa Katyayani Vrat Katha: शारदीय नवरात्रि के छठे दिन मां दुर्गा के कात्यायनी स्वरूप की पूजा की जाती है. हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व है. कहते हैं कि इन 9 दिनों मां दुर्गा की पूजा उपासना से मां की कृपा प्राप्त होती है. इन 9 दिनों में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है. शास्त्रों में मां कात्यायनी का रूप करुणामयी है. बता दें कि देवी ने ऋषि कात्यायन के घर जन्म लिया था. इसी वजह से उन्हें कात्यायनी देवी के नाम से जाना जाता है. 

शास्त्रों में मां कात्यायनी के स्वरूप का वर्णन मिलता है. मां कात्यायनी का शरीर सोमे की तरह सुनहरा और चमकदार है. मां की सवारी सिंह है, 4 भुजाएं हैं. मान्यता है कि जो भक्त मां कात्यायनी की सच्चे मन से पूजा करता है, उसके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं. कहते हैं कि मां की पूजा का पूर्ण फल भी मिलता है, जब मंत्र और आरती भी किए जाए. 

मंत्रों का जाप

मां कात्यायनी की पूजा के दौरान मंत्र “चंद्र हासोज्ज वलकरा शार्दू लवर वाहना। कात्यायनी शुभं दद्या देवी दानव घातिनि”का जाप करें. 

मां कात्यायनी की व्रत कथा

पौराणिक कथाओं के अनुसार देव ऋषि कात्यायन मां दुर्गा के परम उपासक थे. मां दुर्गा की कृपा पाने के लिए एक बार देव ऋषि कात्यायन ने मां की कठोर तपस्या की. ऋषि की तपस्या से प्रसन्न होकर मां प्रकट हो बोलीं, वत्स जो वर मांगना चाहते हो, मांगों. मां के इतना कहते ही देव ऋषि ने मां भगवती से वर मांगा और कहा कि मां  आप मेरे घर पुत्री के रूप में जन्म लो. देव ऋषि की बात सुनकर मां ने उन्हें वर पूरा होने का वरदान दिया. 

फिर मां दुर्गा ने देव ऋषि कात्यायन के घर पुत्री के रूप में जन्म लिया. और पिता का नाम कात्यायन की पुत्री होने के कारण मां के इस अवतार को कात्यायनी कहा गया है. शास्त्रों में कहा गया है कि मां कात्यायनी की पूजा भगवान राम और श्री कृष्ण ने दी थी.  मान्यता है कि गोपियों ने श्री कृष्ण को पति रूप में पाने के लिए माता के इसी रूप की उपासना की थी.  

मां कात्यायनी का प्रिय रंग

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार देवी कात्यायनी को महिषासुर मर्दिनी के नाम से भी जाना जाता है. मां को लाल रंग बेहद प्रिय है,इसलिए मां ऋंगार लाल रंग का करना चाहिए. इसके अलावा  नवरात्रि के छठे दिन नीले रंग के वस्त्र पहनकर पूजा करें. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

 

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