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Puja Path Rules: सनातन धर्म में किसी भी देवी-देवता की पूजा बिना आरती के अधूरी मानी जाती है. आरती के लिए दीपक जलाना जरूरी होता है. इसके अलावा भी शाम के समय तुलसी कोट में और पूजा घर में दीपक जलाने की परंपरा है. घर में रोजाना दीपक जलाने से सकारात्मकता आती है. वास्तु दोष खत्म होते हैं. घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है. देवी-देवता प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं. लेकिन दीपक जलाते समय कुछ गलतियां करना बड़े आर्थिक नुकसान भी करवा सकता है.
- पूजा-पाठ में हमेशा साफ-सुथरे और अच्छी स्थिति वाले दीपक का ही उपयोग करें. खंडित या गंदा दीपक कभी भी उपयोग में न लाएं. ऐसा दीपक पॉजिटिविटी की बजाय निगेटिविटी देगा.
- हमेशा याद रखें कि घी के दीपक के लिए रुई की बाती और तेल के दीपक के लिए लाल धागे या कलावा की बाती उपयोग करनी चाहिए. धार्मिक काम, पूजा-पाठ में दीपक जलाने का यही तरीका सही होता है.
- घर में सुबह-शाम पूजा घर में तो दीपक जलाना ही चाहिए. इससे पूरे घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है. लेकिन इसके अलावा शाम के समय घर के मुख्य दरवाजे पर भी एक दीपक रोज जलाएं. लेकिन इसे जमीन पर न रखें, बल्कि चावल के दानों या किसी प्लेट आदि पर रखें. जिन घरों में इस तरह शाम के समय दीपक जलाया जाता है, वहां मां लक्ष्मी हमेशा वास करती हैं.
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- यह भी याद रखें कि घी के दीपक को हमेशा अपने बाएं हाथ की ओर रखना चाहिए और तेल के दीपक को अपने दाएं हाथ की ओर रखना चाहिए.
- यदि पूजा के दौरान गलती से दीपक बुझ जाए तो उसे तुरंत जलाएं और भगवान से माफी मांगे. साथ ही भगवान से आपके जीवन में सब कुछ अच्छा करने की प्रार्थना करें.
- कभी भी एक दीपक से दूसरा दीपक जलाने की गलती न करें, ऐसा करने से व्यक्ति कर्ज से घिर जाता है.
यदि पैसों की तंगी या सेहत संबंधी समस्याएं खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैा तो रोज शाम को पीने का पानी रखने की जगह पर घड़े आदि के पास एक दीपक जला दें. कुछ ही दिन में सारी समस्याएं खत्म हो जाएंगी.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)