Maa Katyayani Mahakatha: भारत में मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहारों में से एक नवरात्रि भी है. इस दौरान 9 दिनों तक मां शक्ति के विभिन्न 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है. इस कड़ी में नवरात्रि के छठें दिन मां कात्यायनी की पूजा करने का विधान है.
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Navratri 2022 Maa Katyayani: भारत में मां शक्ति की आराधना का पर्व नवरात्रि बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है. इस दौरान मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है. भक्त अगर इन दिनों सच्चे मन से मां की आराधना करते हैं तो मां उनके हर विघ्न-बाधाओं को दूर कर लेती हैं. नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की आराधना की जाती है. मां का यह स्वरूप शांत और हृदय को सुख देने वाला हैं. मां कात्यायनी की कृपा से भक्तों के सभी मंगल कार्य पूरे होते हैं, इसके साथ ही रोग, शोक, और भय सभी कष्ट नष्ट हो जाते हैं.
महर्षि कात्यायन ने की कठोर तपस्या
पौराणिक कथाओं के अनुसार, महर्षि कात्यायन ने भगवती पराम्बा की कठोर तपस्या की थी. फल में उन्हें आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन पुत्री की प्राप्त हुई. महर्षि कात्यायन के घरमें जन्म लेने के कारण ही मां के इस स्वरूप का नाम कात्यायनी पड़ा. मां का लालन पोषण ऋषि कात्यायन ही ने किया था.
मां ने महिषासुर का किया वध
माता के जन्म के बाद ऋषि कात्यायन ने अपनी पुत्री मां दुर्गा का 3 दिनों तक पूजन भी किया था. महिषासुर राक्षस का अत्याचार बढ़ जाने के कारण मां कात्यायनी ने उसका वध कर देवताओं को मुक्ति दिलाई थी. इनका स्वरूप चमकीला और तेजमय है. इनकी चार भुजाएं हैं. दाईं तरफ का ऊपर वाला हाथ अभयमुद्रा में रहता है और नीचे वाला हाथ वर मुद्रा में है. बाईं तरफ के ऊपर वाले हाथ में मां तलवार धारण करती हैं व नीचे वाले हाथ में कमल का फूल सुशोभित रहता है.
भगवान राम व श्रीकृष्ण ने भी की पूजा
मान्यता है कि मां कात्यायनी की उपासना से इंसान अपनी इंद्रियों को वश में कर सकता है. मां कात्यायनी की पूजा भगवान राम और श्रीकृष्ण ने भी की थी. मान्यता है कि गोपियों ने भगवान श्रीकृष्ण को पति के रूप में पाने के लिए मां दुर्गा के इस स्वरूप की पूजा की थी.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)