Jyeshtha Amavasya 2024: ज्येष्ठ अमावस्या पर करें ये 4 चमत्कारी उपाय, पितृ दोष होगा दूर, मिलेगा पितरों का आशीर्वाद
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Jyeshtha Amavasya 2024: ज्येष्ठ अमावस्या पर करें ये 4 चमत्कारी उपाय, पितृ दोष होगा दूर, मिलेगा पितरों का आशीर्वाद

Jyeshtha Amavasya 2024 Date: हिन्दू धर्म में अमावस्या की तिथि बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है. पितरों का तर्पण और दान-पुण्य के लिए ये तिथि बहुत शुभ होती है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से जीवन में सुख-शांति आती है.

Jyeshtha Amavasya 2024: ज्येष्ठ अमावस्या पर करें ये 4 चमत्कारी उपाय, पितृ दोष होगा दूर, मिलेगा पितरों का आशीर्वाद

Jyeshtha Amavasya 2024 Upay: हिन्दू धर्म में अमावस्या की तिथि बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है. पितरों का तर्पण और दान-पुण्य के लिए ये तिथि बहुत शुभ होती है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से जीवन में सुख-शांति आती है और पुण्य की प्राप्ति होती है. फिलहाल ज्येष्ठ का महीना चल रहा है. इस महीने की अमावस्या 6 जून को मनाई जाएगी. इस दिन आप कुछ सरल उपाय कर जीवन की कई परेशानियों से राहत पा सकते हैं. आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में.

काले तिल का उपाय
ज्येष्ठ अमावस्या पर काले तिल से पितरों का तर्पण करें. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इससे मोक्ष की प्राप्ति होती है. इसके अलावा पवित्र नदियों में स्नान करने के बाद काले तिल को प्रवाहित करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और उनका आशीर्वाद सदैव बना रहता है.

पीपल के पेड़ पर अर्पित करें जल
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पीपल के पेड़ में भगवान विष्णु का वास होता है. अमावस्या की तिथि पर पीपल के पड़ पर जल अर्पित करना लाभदायक माना जाता है. इससे पितर प्रसन्न होते हैं.

भोजन खिलाएं
अमावस्या पर दान-स्नान करना बहुत शुभ माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इससे पुण्य की प्राप्ति होती है और पूर्व में किए हुए पाप नष्ट हो जाते हैं. ज्येष्ठ अमावस्या पर आप जरूरतमंदों को क्षमता अनुसार भोजन कराएं और दान भी दें. ऐसा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और घर में सुख-शांति भी बनी रहती है.

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शनिदेव की पूजा
ज्येष्ठ अमावस्या के दिन शनि जयंती भी मनाई जाती है. इस दिन शनिदेव की कृपा पाने के लिए आप मंदिर में जा कर शनिदेव को सरसों का तेल भी अर्पित कर सकते हैं. 

जान लें ज्येष्ठ अमावस्या का शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ अमावस्या तिथि की शुरुआत 5 जून को शाम 07 बजकर 54 मिनट पर होगी. वहीं, इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 6 जून को शाम 06 बजकर 07 मिनट पर होगा. इसके चलते ज्येष्ठ महीने की अमावस्या 6 जून को होगी और दान-स्नान भी इसी दिन किया जाएगा. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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