Rakshabandhan 2022: भद्रा काल में राखी बांधना माना जाता है अशुभ, ये है वजह; सूर्य-शनि से है रिश्ता
Advertisement
trendingNow11294562

Rakshabandhan 2022: भद्रा काल में राखी बांधना माना जाता है अशुभ, ये है वजह; सूर्य-शनि से है रिश्ता

Rakshabandhan: भद्रा काल में भाइयों के कलाई पर राखी बांधने को अशुभ माना जाता है. आइए आपको बताते हैं कौन है भद्रा. जिससे लोग इतना खौफ खाते हैं.

फाइल फोटो

Rakshabandhan: भाई और बहन के पवित्र रिश्ते का त्यौहार रक्षाबंधन इस साल 11 अगस्त दिन गुरुवार को मनाया जायेगा. इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं. लेकिन आपने सुना होगा कि भद्रा के साए में राखी बांधने का शुभ काम नहीं किया जाता है. भद्रा काल में भाई को राखी बांधना अशुभ माना जाता है.

भद्रा कौन है?

भद्रा काल में किसी भी तरह के शुभ काम करने की मनाही होती है. शास्त्रों के विद्वान बताते हैं कि भद्रा शनिदेव के जैसा ही भाव रखती है और रिश्ते में शनिदेव की ही बहन है. यानि की भद्रा भगवान सूर्य की बेटी है. पंचांग के द्वारा भद्रा के स्तिथि की गणना की जाती है. ऐसा भी कहा जाता है कि इसके भाव को समझने के लिए ब्रम्हा जी ने इसे पंचांग में इसे एक अलग जगह प्रदान की है. लोगों को मानना है कि भद्रा काल में भाइयों को राखी नहीं बांधनी चाहिए.   
   
सूर्पनखा ने रावण को भद्रा काल में बांधी थी राखी

ऐसा कहा जाता है कि रावण के साम्राज्य के खात्मे की वजह भी यही भद्रा काल ही रहा है. रक्षाबंधन के अवसर पर रावण की बहन सूर्पनखा ने भद्रा काल में ही लंकेश को राखी बांधी थी. जिसके बाद से लंका का बुरा दौर शुरू हो गया था और रावण अपने दुर्गति की ओर बढ़ने लगा था.

कब तक रहता है प्रभाव?

ऐस्ट्रोलोजर्स का मानना है कि भद्रा तीनों लोकों में घुमती है पर अलग अलग राशियों में रहते हुए. लेकिन जब ये मृत्युलोक में रहती है तो सारे शुभ काम रोक देने चाहिए. क्योंकि ऐसे में यह शुभ कार्यों में बाधा पैदा करती है. 

क्या हैं इस बार के योग 

इस साल रक्षाबंधन 11 अगस्त दिन गुरुवार को है. आपके मन में भी भद्रा काल को लेकर कई सवाल होंगे. ऐस्ट्रोलोजर्स बताते हैं कि इस बार भद्रा का साया पाताल लोक में पड़ेगा. इसलिए धरती लोक पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.

ये स्टोरी आपने पढ़ी देश की नम्बर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर

Trending news