Chanakya Niti: ये 3 प्रकार के लोग होते हैं फरेबी, संकट के वक्त हमेशा छोड़ देते हैं साथ; चाणक्य नीति में किया गया है वर्णन
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Chanakya Niti: ये 3 प्रकार के लोग होते हैं फरेबी, संकट के वक्त हमेशा छोड़ देते हैं साथ; चाणक्य नीति में किया गया है वर्णन

Chanakya Niti Quotes in Hindi: महर्षि चाणक्य की कही गई बातें आज 3 हजार साल बाद भी करोड़ों भारतीयों का मार्गदर्शन कर रही हैं. चाणक्य ने ऐसे 3 प्रकार के लोगों के प्रति सचेत किया है, जो संकट के वक्त हमेशा साथ छोड़कर चले जाते हैं.

Chanakya Niti: ये 3 प्रकार के लोग होते हैं फरेबी, संकट के वक्त हमेशा छोड़ देते हैं साथ; चाणक्य नीति में किया गया है वर्णन

Chanakya Niti Quotes on Friendship: महर्षि चाणक्य ने आज से करीब 3 हजार साल पहले भारत में जन्म लिया था. उस दौरान उन्होंने नीति शास्त्र नामक पुस्तक लिखकर अपने जीवनभर के अनुभवों का निचोड़ उसमें लिख दिया था. उसी पुस्तक का दूसरा नाम चाणक्य नीति भी है. नीति शास्त्र में परिवार, समाज, देश के बारे में कई ऐसी अहम बातें लिखी गई थीं, जो हजारों साल बीतने के बाद आज भी प्रासंगिक हैं. चाणक्य नीति में ऐसे तीन प्रकार के लोगों का वर्णन किया गया है, जिन पर कभी भी भरोसा नहीं करना चाहिए. कोई भी विपरीत परिस्थिति आने पर वे सबसे पहले साथ छोड़ते हैं. आइए जानते हैं कि वे 3 प्रकार के लोग कौन हैं. 

केवल अपने फायदे के लिए करते हैं काम

आचार्य चाणक्य (Chanakya Niti Quotes on Friendship) कहते हैं कि ऐसे लोगों से हमेशा बचकर रहना चाहिए, जो हमेशा खुद के फायदे के लिए काम करते हैं. ऐसा व्यक्ति चाहे आपका कितना ही खास क्यों न हो, वक्त आने पर वह अपने फायदे को देखते हुए किसी को भी धोखा देने से नहीं चूकता. 

दूसरों की भावनाएं नहीं रखती मायने

चाणक्य नीति (Chanakya Niti Quotes on Friendship) में ऐसे लोगों का वर्णन किया गया है, जिनकी प्राथमिकता केवल पैसे होती है. उनके लिए दूसरों की भावनाएं कोई मायने नहीं रखती. दूसरे व्यक्ति चाहे किसी भी परिस्थिति में रह रहे हों या उन्हें किसी चीज की जरूरत हो लेकिन ऐसे लोगों को मुंह पर केवल पैसों की ही बातें होती हैं. ऐसे लोगों से दूर रहने में ही समझदारी है. 

दया की उम्मीद करना होता है व्यर्थ

नीति शास्त्र में (Chanakya Niti Quotes on Friendship) उल्लेख किया गया है कि चोर-लुटेरे दूसरों का धन चोरी या लूटकर अपना घर भरते हैं. उनकी लूटमार के बाद पीड़ितों की क्या हालत होगी, इसका उन पर कोई असर नहीं पड़ता. ऐसे लोग सनकी और कठोर हृदय हो चुके होते हैं, लिहाजा उनसे दया की उम्मीद करना व्यर्थ है. इस प्रकार के लोगों से दोस्ती गांठना या उन पर भरोसा करना खुद को खतरे में डालने के बराबर होता है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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