Chanakya Neeti about Women Desires: आचार्य चाणक्य (Acharya Chanakya) की लिखी पुस्तक चाणक्य नीति में महिलाओं की 4 ऐसी छिपी इच्छाओं के बारे में बताया गया है, जो पुरुषों से कई गुना ज्यादा होती हैं. फिर भी लोकलाज के भय से वे कभी उसे उजागर नहीं करती.
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Acharya Chanakya Quotes on Women: आचार्य चाणक्य (Acharya Chanakya) आज से सैकड़ों साल पहले पैदा हुए. वे राजनीति, धन, व्यापार, समाज के गूढ़ मर्मज्ञ थे. उन्होंने अपने अनुभव और ज्ञान के आधार पर नीति शास्त्र नामक पुस्तक लिखी, जिसे चाणक्य नीति (Chanakya Neeti) के नाम से भी जाना जाता है. सैकड़ों साल बाद भी इस पुस्तक में लिखी प्रेरक बातें आज भी दुनिया में करोड़ों लोगों का मार्गदर्शन कर रही हैं. इसी पुस्तक में आचार्य चाणक्य ने महिलाओं की ऐसी छुपी हुई इच्छाओं के बारे में बताया है, जो पुरुषों से भी ज्यादा होती हैं. हालांकि पारिवारिक संस्कारों और लोक-लाज के चलते वे अपनी इन इच्छाओं को कभी जाहिर नहीं करती. आइए आबको बताते हैं कि वे छुपी हुई इच्छाएं कौन सी हैं.
पुरुषों के बजाय 6 गुना साहस
चाणक्य नीति (Chanakya Neeti) में आचार्य चाणक्य (Acharya Chanakya) ने महिलाओं के साहस के बारे में बताया है. आचार्य चाणक्य के मुताबिक महिलाएं बचपन से ही साहसी होती हैं. उन्हें पुरुषों से 6 गुना ज्यादा साहस भरा होता है. विपत्ति आने पर वे जल्दी से घबराती नहीं हैं और उससे लड़ने के उपाय ढूंढती हैं. वे अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए कठोर संघर्ष करने से भी पीछे नहीं रहती.
स्त्रियों में दोगुनी होती है भूख
नीति शास्त्र में महिलाओं की भूख का भी वर्णन किया गया है. आचार्य चाणक्य का कहना है कि महिलाओं की शारीरिक बनावट ऐसी होती है कि उन्हें अपने आपको फिट रखने के लिए ज्यादा खाने की जरूरत होती है. यही वजह है कि उन्हें पुरुषों की तुलना में दोगुना भूख लगती है. हालांकि मोटापे के डर और लोकलाज के डर से वे ज्यादा खाने से परहेज करती हैं.
पुरुषों की तुलना में 8 गुना ज्यादा कामेच्छा
आचार्य चाणक्य (Acharya Chanakya) के मुताबिक महिलाओं में काम इच्छा पुरुषों से 8 गुना ज्यादा होती है. हालांकि शुरुआत से ही उनमें सहनशीलता और लज्जा कूट-कूटकर भरी होती है. इसलिए वे इस इच्छा को कभी सार्वजनिक नहीं करतीं और संस्कारों के दायरे में रहते हुए परिवार को आगे बढ़ाती हैं.
महिलाओं में 4 गुना अधिक होती है लज्जा
चाणक्य नीति (Chanakya Neeti) में कहा गया है कि स्त्रियों में लज्जा और शर्म पुरुषों की तुलना में 4 गुना ज्यादा होती है. इसी शर्म की वजह से वे हर किसी से खुलकर अपनी बात नहीं कह पातीं और कोई भी नया काम करने से हिचकती हैं. जबकि पुरुष इस मामले में ज्यादा खुले होते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)