Pakistan बनना चाहता है ब्रिक्स का हिस्सा, कोशिशों में लगा चीन, क्या है वजह?
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Pakistan बनना चाहता है ब्रिक्स का हिस्सा, कोशिशों में लगा चीन, क्या है वजह?

BRICS Expansion:  6 देश - अर्जेंटीना, मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात- ब्रिक्स के नए सदस्य होंगे. दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने सम्मेलन में कहा कि नए सदस्य एक जनवरी 2024 से ब्रिक्स का हिस्सा बन जाएंगे. 

Pakistan बनना चाहता है ब्रिक्स का हिस्सा, कोशिशों में लगा चीन, क्या है वजह?

Pakistan News: दक्षिण अप्रीका के जोहान्सबर्ग में आयोजित ब्रिक्स के 15वें शिखर सम्मेलन में संगठन के विस्तार का फैसला लिया गया. 6 देश - अर्जेंटीना, मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात- ब्रिक्स के नए सदस्य होंगे. दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने सम्मेलन में कहा कि नए सदस्य एक जनवरी 2024 से ब्रिक्स का हिस्सा बन जाएंगे. भारत ने भी ब्रिक्स के विस्तार को अपना पूरा समर्थन दिया है. मीडिया रिपोट्स के मुताबिक पाकिस्तान भी ब्रिक्स का सदस्य बनना चाहता है और इसके लिए उसका दोस्त चीन पूरी कोशिश कर रहा है.

हालांकि पाकिस्तान ने औपचारिक तौर पर ब्रिक्स में शामिल होने के लिए आवेदन नहीं किया है लेकिन माना रहा है कि इस्लामाबाद के ब्रिक्‍स में शामिल होने की ख्‍वाहिश को रूस की तरफ से भी आगे बढ़ाया जा सकता है. पाकिस्तान के अधिकारी फिलहाल इस मुद्दे पर कुछ भी कहने से बच रहे हैं.

बीजिंग सम्मेलन में आ सकता है प्रस्ताव
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ब्रिक्स का अगला सम्मेलन बीजिंग में होने जा रहा है और उसमें पाकिस्तान को संगठन का नया सदस्य बनाने का प्रस्ताव आ सकता है. इसके बाद अगले सम्मेलन पर इस पर मोहर लग सकती है.

ब्रिक्स का हिस्सा क्यों बनना चाहता है पाकिस्तान?

पाकिस्तान की अर्थव्यस्था बेहद मुश्किल हालात से गुजर रही है लेकिन उसे अपने सहयोगी देशों से उतनी मदद नहीं मिल पा रही है जिसकी उसे उम्मीद थी. इस्लामिक, अफ्रीकी और एशियाई देशों से वह निराश है जबकि अमेरिका भी उसे ज्यादा भाव नहीं दे रहा है. ऐसे में पाकिस्तान अब ब्रिक्स बैंक से आर्थिक मदद पाना चाहता है कि ताकि अपनी चरमराती अर्थव्यवस्था को फिर से खड़ा कर सके.

बता दें ब्रिक्स में फिलहाल भारत ,रूस, ब्राजील, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल है. यह पांच विकासशील देशों का समूह है जो विश्व की 41 प्रतिशत आबादी, 24 प्रतिशत वैश्विक जीडीपी और 16 प्रतिशत वैश्विक कारोबार का प्रतिनिधित्व करता है.

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