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Pakistan Crisis: पाकिस्तान की कंगाली किसी से छिपी नहीं है. मुस्लिम देश दुनिया के अन्य देशों से कटोरा लेकर भीख मांग रहा है. कर्ज के सहारे देश की स्थिति सुधारने में लगी पाकिस्तान सरकार को अब कश्मीर भी भूल जाना पड़ेगा. अगर पाकिस्तान कश्मीर राग अलापता रहा तो उसे भविष्य में कर्ज मिलने में बड़ी समस्या आने वाली है. पाकिस्तान के करीबी मित्र देश सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात ने कश्मीर को भूलकर भारत से दोस्ती करने की सलाह दी है.
इतना ही नहीं सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने पर पाकिस्तान को बखेड़ा खड़ा करने से भी मना किया है. गौर करने वाली बात यह है कि पाकिस्तान की सभी आपत्तियों को किनारे कर यूएई कश्मीर में बड़ा निवेश करने जा रहा है.
पाकिस्तान के अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून के पत्रकार कामरान यूसुफ की रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि ओआईसी में कश्मीर को लेकर हमेशा हंगामा करने वाले पाकिस्तान को सऊदी अरब ने झटका दिया है. बता दें कि सऊदी अरब ओआईसी का सबसे मजबूत देश है और इसका नेतृत्व भी उसी के हाथ में है. ओआईसी के सारे काम सऊदी अरब के निर्देश पर होते हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक अपना रुख स्पष्ट करते हुए सऊदी अरब ने कश्मीर पर पाकिस्तान का साथ नहीं देने का निर्णय लिया है. सऊदी अरब के रवैये को पाकिस्तान के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. क्योंकि पाकिस्तान दुनिया के हर मंच से कश्मीर का राग अलापता रहा है. अब सऊदी अरब और यूएई ने पाकिस्तान को कठोर संदेश देते हुए कहा है कि उसे पास दो ही रास्ते बचे हैं, या तो वह अपनी अर्थव्यवस्था को बचाए या फिर कश्मीर को लेकर हंगामा करते रहे.
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