Pakistan: पाकिस्तान में लगातार बढ़ रही पेट्रोल-डीजल की कीमतों से जुड़ी खबर आपने खूब पढ़ी होगी, लेकिन अब इसने लोगों को परेशान करना शुरू कर दिया है. ऐसे री एक शख्स ने अपने बॉस को लेटर लिखकर कहा है कि पेट्रोल वहन नहीं कर सकता, गधा गाड़ी से ऑफिस आने दो.
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Pakistan Economy Crisis: आर्थिक संकट और विदेशी मुद्रा की कमी से जूझ रहा पाकिस्तान दिवालिया होने के कगार पर है. वह लगातार अलग-अलग देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों से कर्ज मांग रहा है. कर्ज लेने और चीजों को पटरी पर लाने के लिए पिछले 7 दिन में वह दो बार पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बड़ी बढ़ोतरी कर चुका है. वहां पेट्रोल और डीजल के दाम 200 रुपये से ऊपर पहुंच चुके हैं और हर किसी के लिए इसे वहन कर पाना संभव नहीं हो पा रहा है. अधिकतर लोग अब मोटर वाहनों का विकल्प तलाशने लगे हैं. इसी कड़ी में वहां के एक शख्स की कोशिश की इन दिनों मीडिया में खूब चर्चा हो रही है. दरअसल, उस शख्स ने महंगाई से परेशान होकर ऑफिस आने जाने के लिए गधा गाड़ी का इस्तेमाल करने की अनुमति मांगी है.
पाकिस्तान के पत्रकार मेहरीन जहरा मलिक ने इस संबंध में एक ट्वीट किया है. इसमें एक शख्स की चिट्ठी है. चिट्ठी लिखने वाला एयरपोर्ट में काम करता है. उसने अपने बॉस को लिखे इस लेटर में कहा है कि, बढ़ती महंगाई की वजह से मैं अपना वाहन या पब्लिक ट्रांसपोर्ट वहन नहीं कर सकता हूं, ऐसे में मुझे गधा गाड़ी से ऑफिस आने की इजाजत दी जाए. उसका यह लेटर अब सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है.
An employee of the #Pakistan Civil Aviation Authority has written to the head of the agency seeking permission to come to work on a donkey cart because he can’t afford any other type of transportation: “Please allow me to bring my donkey cart to the airport.” pic.twitter.com/bL9JocCbbv
— Mehreen Zahra-Malik (@mehreenzahra) June 3, 2022
बता दें कि पाकिस्तान सरकार ने गुरुवार को दूसरी बार पेट्रोल और डीजल के दाम में 30 रुपये की बढ़ोतरी की थी. एक हफ्ते में यह दूसरी बढ़ोतरी थी. अब पाकिस्तान में पेट्रोल 209.86 रुपये लीटर तो डीजल 204.15 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है. गुरुवार को पाकिस्तान की वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने दाम में बढ़ोतरी का ऐलान करते हुए कहा था कि अब भी सरकार को प्रति लीटर पर 9 रुपये का नुकसान हो रहा है. उन्होंने कहा कि देश को आर्थिक संकट से निकालने के लिए सरकार इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) से रोज बातचीत कर रही है. हम उनकी सभी मांगें नहीं मान सकते, लेकिन कुछ पर अमल करना होगा.