China established village in Bhutan Area: भारत के साथ सैन्य विवाद दूर करने के लिए चीन बातचीत का दिखावा कर रहा है. असलियत ये है कि वह लगातार भारत को घेरने की कोशिश कर रहा है. अब उसने चीन के रास्ते भारत को बांधने की तैयारी की है.
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China established village in Bhutan Area: भूटान (Bhutan) से भारत को चिंता में डालने वाली एक बड़ी खबर सामने आई है. Satellite से ली गई नई तस्वीरों के मुताबिक चीन भूटान के रास्ते भारत को घेरने की तैयारी कर रहा है. चीन (China) ने डोकलाम से 9 किलोमीटर दूर भूटान (Bhutan) की अमो चू नदी घाटी में एक गांव बसा लिया है. चीन ने इस गांव का नाम 'पंगडा' रखा है. इससे ये साबित होता है कि गलवान के सैन्य संघर्ष के बाद चीन भारत से चुपचाप बदला लेने की तैयारी कर रहा है. आज कल पूरी दुनिया का ध्यान रशिया और यूक्रेन के युद्ध पर है. और हम भी शायद ये सोचने लगे थे कि चीन अब शांत बैठा है, लेकिन सच्चाई ये है कि चीन लगातार भारत पर हमले की तैयारी कर रहा है. भारत की घेराबंदी के लिए उसने भूटाने के वैकल्पिक रास्ते का विस्तार शुरू कर दिया है.
भूटान की अमो चू घाटी में बसा दिया गांव
दावा है कि भूटान (Bhutan) की अमो चू घाटी में चीन (China) की सेना द्वारा जो गांव विकसित किया गया है, उसकी पहली बार तस्वीरें नम्बर 2020 में भी आईं थी. अब तो ये गांव पूरी तरह से आबाद हो गया है. यहां लगभग हर घर के आगे गाड़ियां दिखाई दे रही हैं. इस गांव के पास ही ऑल वेदर रोड भी है, जो चीन ने भूटान की जमीन पर कब्जा करके बनाई है. ये रोड तेज बहाव वाली अमो चू नदी के किनारे है, जो भूटान की सीमा के 10 किलोमीटर अंदर है.
डोकलाम वही जगह है, जहां साल 2017 में चीन और भारतीय सेना का आमना-सामना हुआ था. चीन की जमीन वाली भूख लगातार बढ़ती जा रही है और भारत को आज इसलिए चिंतित होना ज़रूरी है क्योंकि भूटान के जिस इलाक़े में चीन द्वारा इस गांव को बसाने का दावा किया जा रहा है, वो जगह चीन के कब्जे वाले इलाके से करीब 30 किलोमीटर दूर दक्षिण में है.
चीन ने पिछले साल किया था इलाके पर कब्जा
इस इलाके पर चीन (China) ने पिछले साल कब्जा किया था. इसकी वजह से सिक्किम में भी भारतीय सुरक्षा बलों की चिंता बढ़ गई है. ऐसा माना जा रहा है कि इस निर्माण का भारत पर असर पड़ना तय है क्योंकि इससे चीन की सेना रणनीतिक तौर पर अहम डोकलाम पठार तक आसानी से पहुंच सकती है. इसके अलावा इससे चीन भारत के संवेदनशील सिलीगुड़ी कॉरिडोर तक आसानी से पहुंच बना सकता है. ये बात कितनी गम्भीर है, इसका अन्दाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि सिलीगुड़ी कॉरिडोर, पूर्वोत्तर के राज्यों को बाकी देश से जोड़ता है.
साल 2017 में भारतीय सेना ने चीन (China) की सेना को डोकलाम में मौजूद झाम्पेरी रिज पर पहुंचने से रोक दिया था. लेकिन चीन अब वैकल्पिक रास्ते से यहां पहुंचने की कोशिश कर रहा है. बड़ी बात ये है कि चीन भूटान (Bhutan) की जमीन के टुकड़े-टुकड़े कर रहा है और भूटान इसे रोक नहीं पा रहा है. संक्षेप में कहें तो चीन भूटान के कुछ इलाकों में गांव, सड़कों और Security Installation का निर्माण करके भारत के खिलाफ अपनी सैन्य क्षमता को मजबूत कर रहा है. भूटान के मोर्चे पर ये घटना ऐसे समय हुई है, जब भारत और चीन के बीच पूर्वी मोर्चे पर लद्दाख में तनाव कम करने के लिए 16 राउंड की बातचीत हो चुकी है. हालांकि, इसके बाद भी कोई नतीजा नहीं निकल पाया है.
पूर्वी लद्दाख में भारत भी बढ़ा रहा संसाधन
इससे पहले मई महीने में ये खबर आई थी कि चीन (China) ने पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के पार एक नए पुल का निर्माण शुरू कर दिया है. ये पुल इस बात को ध्यान में रखते हुए बनाया जा रहा है कि यहां से बख्तरबन्द गाड़ियां और चीन की सेना के ट्रक हथियार लेकर आसानी से गुज़र सकें. यानी ये पुल आकार में बड़ा है और इसे खासतौर पर सेना की मदद के लिए बनाया जा रहा है. इसके अलावा कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि चीन ने तिब्बत सीमा के पास 624 नए गांव बसा लिए हैं और इन गांवों में चीन की सेना की पोस्ट भी बनाई जा रही हैं.
इसके अलावा चीन सीमा के पास चौड़ी सड़कें बनाने पर भी तेजी से काम कर रहा है. यानी चीन भारत के खिलाफ पूर्वी लद्दाख में वही रणनीति अपना रहा है, जो उसने South China Sea में अपनाई है. South China Sea पर अपना दावा मजबूत करने के लिए चीन ने वहां Artificial आईलैंड विकसित कर लिए हैं और वहां अपनी सेना को भी तैनात कर दिया है.
भारत भी जवाब में कर रहा नए निर्माण
हालांकि ऐसा नहीं है कि ये सबकुछ भारत को नहीं दिख रहा. भारत की सेना और भारत की सरकार चीन की इन गतिविधियों पर पैनी नजर रख रही है. इसके जवाब में भारत भी सीमा के पास अपने क्षेत्र में सड़कें और पुल बना रहा है. भारत सरकार ने हाल ही में सीमा के पास 32 नई सड़कें बनाने का फैसला किया है. जिनमें से आठ सड़कों को बनाने का काम शुरू भी हो गया है.
हालांकि यहां बड़ा सवाल है कि एक तरफ़ चीन भारत के साथ सीमा विवाद को लेकर बात भी कर रहा है और दूसरी तरफ़ वो भारत की घेराबंदी के लिए अपनी सेना और दूसरे संसाधनों का भी इस्तेमाल कर रहा है. तो चीन आखिर भारत को संदेश क्या देना चाहता है? इसे आप चार Points में समझिए
चीन 4 वजहों से भारत से नहीं सुलझाना चाहता संबंध
पहला- चीन भारत (India-China) के साथ सीमा विवाद को सुलझाने के पक्ष में है ही नहीं. चीन ने पाकिस्तान और म्यांमार जैसे देशों के साथ अपना सीमा विवाद वर्षों पहले सुलझा लिया था. लेकिन वो भारत के साथ ऐसा नहीं करेगा क्योंकि वो भारत को एक प्रतिद्वंदी देश के तौर पर देखता है. ये सीमा विवाद ही इकलौता ऐसा तरीका है, जिसके जरिए चीन भारत को दबाव में लाने की कोशिश कर सकता है.
दूसरा- चीन (India-China) अपनी विस्तारीकरण की नीति पर काम कर रहा है. जिसके तहत वो उन इलाक़ों पर अपना दावा कमजोर नहीं होने देना चाहता, जो भारत के अधिकार क्षेत्र में है.
तीसरा- चीन सीमा पर सड़कें और पुल बना कर और गांव विकसित करके भारत की सेना और भारत की सरकार पर मानसिक दबाव बना रहा है
और चौथा- चीन (India-China) इसके ज़रिए दुनिया को ये भी दिखाना चाहता है कि उसकी सेना ऊंचे और दुर्गम इलाक़ों में भी युद्ध लड़ने के लिए सक्षम है. वो भारत के जरिए असल में अमेरिका जैसे देशों को जवाब दे रहा है.
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