Chinese spy ship: भारत के ऐतराज के बावजूद जासूसी जहाज को श्रीलंका में कैसे मिली एंट्री? चीन ने दिया ये जवाब
Advertisement
trendingNow11304135

Chinese spy ship: भारत के ऐतराज के बावजूद जासूसी जहाज को श्रीलंका में कैसे मिली एंट्री? चीन ने दिया ये जवाब

China high tech ship Yuan Wang-5: श्रीलंका ने पहले भारत और अमेरिका की चिंताओं के बीच चीन से अपने जहाज को भेजने के कार्यक्रम को टालने को कहा था, लेकिन कुछ दिन बाद उसने चीन को जहाज हम्बनटोटा पोर्ट भेजने की इजाजत दे दी.

Chinese spy ship: भारत के ऐतराज के बावजूद जासूसी जहाज को श्रीलंका में कैसे मिली एंट्री? चीन ने दिया ये जवाब

Chinese spy ship get Sri Lankan clearance: श्रीलंका ने भारत के ऐतराज के बावजूद चीन के जासूसी जहाज को हम्बनटोटा पोर्ट (Hambantota port) पर आने की इजाजत दी है. अब इसे लेकर चीन ने सोमवार को कहा कि श्रीलंका ने उसके सैटेलाइट और मिसाइल सर्विलांस शिप को अपने पोर्ट पर आने की इजाजत दे दी है. लेकिन चीन की ओर से उस बातचीत का ब्योरा नहीं दिया जिसके बाद श्रीलंका की सरकार ने अपने देश में बीजिंग के जहाज की एंट्री के फैसले को पलट दिया. पहले भारत और अमेरिका की आपत्ति के बाद श्रीलंका ने चीनी जहाज की एंट्री पर रोक लगा दी थी. लेकिन अचानक श्रीलंका ने अपना फैसला पलट लिया है. 

विदेश मंत्रालय ने दिया ये जवाब

श्रीलंका ने पहले भारत और अमेरिका की चिंताओं के बीच चीन से अपने जहाज को भेजने के कार्यक्रम को टालने को कहा था, लेकिन कुछ दिन बाद उसने चीन को जहाज हम्बनटोटा पोर्ट भेजने की इजाजत दे दी. इस बारे में जब चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जैसा कि आपने कहा कि श्रीलंका ने युआन वांग-5 को उसके पोर्ट पर एंकर करने की इजाजत दे दी है. हालांकि वांग ने जहाज आने की इजाजत देने के बारे में कोलंबो से हुई बातचीत का ब्योरा देने से इनकार कर दिया.

जब वांग से पूछा गया कि क्या सलाह-मशविरा हुआ तो उन्होंने कहा कि आपने जो स्पेसफिक सवाल पूछा है लेकिन इस बारे में चीन का रुख साफ है. जब श्रीलंका ने चीन से जहाज की एंटी को टालने को कहा था तो चीन ने नाराजगी जताते हुए कहा था कि कुछ देशों की ओर से कोलंबो पर दबाव बनाना गलत है और यह उस देश के आंतरिक मामलों में दखल देने जैसा है.  श्रीलंका के विदेश मंत्रालय के 13 अगस्त के आदेश में कहा गया कि कोलंबो ने कुछ चिंताओं को लेकर चर्चा की थी.

आखिर क्या छिपा रहा है चीन?

मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि उसने पांच अगस्त को चीनी दूतावास से अपील की था कि चीन के जहाज की हम्बनटोटा पोर्ट के लिए 11 से 17 अगस्त के बीच प्रस्तावित यात्रा को मंत्रालय के साथ उठाई गई कुछ चिंताओं के मद्देनजर मामले में आगे बातचीत होने तक टाला जाए. लेकिन फिर अचानक से श्रीलंकाई सरकार ने अपना फैसला पलटते हुए चीन के जासूसी जहाज को अपने मुल्क में आने की इजाजत दी है. लेकिन दोनों देशों के बीच ऐसी क्या डील हुई है जिसके बाद श्रीलंका को यह फैसला लेना पड़ा, अब तक एक राज है और चीन भी इस पर पर्दा डाले रखना चाहता है.

(इनपुट: एजेंसी)

ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर
 

 

Trending news