Why Airplane color is white: आप सभी ने हवा में उड़ते हुए एरोप्लेन तो जरूर देखे होंगे. क्या आपने कभी सोचा है कि इन्हें सफेद रंग में ही क्यों रंगा जाता है. आज हम आपको इसके सफेद रंग का राज बताने जा रहे हैं.
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Aeroplane Colour: तेज गति से एक जगह से दूसरे जगह तक जाने के लिए एरोप्लेन को सबसे अच्छा साधन माना जाता है. घंटे भर में यह सैकड़ों किलोमीटर की दूरी तय कर लेता है. एरोप्लेन को देखते हुए क्या आपने कभी सोचा है कि उसका रंग सफेद ही क्यों होता रखा जाता है? एरोप्लेन को सफेद रखने का वैज्ञानिक कारण क्या है? आज हम आपको इसके पीछे की असल वजह बताने जा रहे हैं. हवाई जहाज का रंग सफेद रखने से कंपनी को लाखों रुपये की बचत होती है और कई दूसरे फायदे भी मिलते हैं.
क्यों एरोप्लेन को रखा जाता है सफेद?
एरोप्लेन को सफेद रखने के पीछे वैज्ञानिक कारण दिया जाता है कि सफेद रंग गर्मी को सबसे कम अब्जोर्ब करता है. एक्सपर्ट्स बताते हैं कि जब हवाई जहाज आसमान में हजारों फीट ऊपर से उड़ता है तब वहां धूप बहुत ज्यादा होती है. अगर एरोप्लेन को सफेद के बजाय किसी और रंग में रंगा आ जाए तो यह उष्मा का तेजी अवशोषण करता है और एरोप्लेन जल्दी गर्म हो जाता है जबकि सफेद रंग उष्मा का कुचालक होता है जिससे बाकी रंगों की अपेक्षा में सफेद रंग का एरोप्लेन कम गर्म होता है.
कम आती है लागत
एक्सपर्ट्स बताते हैं कि एक एरोप्लेन को रंगने में 50 हजार से लेकर 2 लाख डॉलर तक का खर्च आता है. अगर प्लेन को किसी और रंग से रंगा जाएगा तो उस पर पड़ने वाले स्क्रैच जल्दी नजर आएंगे. जबकि सफेद रंग में या स्केच जल्दी नजर नहीं आते हैं. एरोप्लेन को बनाने के अलावा कंपनी रंगने के खर्च करने पर जोर नहीं देती है. इस वजह से भी एरोप्लेन को सफेद रंग में रंगा जाता है.
ऊंचाई पर क्यों उड़ते हैं प्लेन
एरोप्लेन को ज्यादा ऊंचाई पर ही उड़ाया जाता है. इसकी वजह से एरोप्लेन का किसी बड़ी इमारत से टकराने का खतरा कम हो जाता है. इसके अलावा ज्यादा ऊंचाई पर पक्षी भी नहीं उड़ते हैं जिससे एक्सीडेंट होने के चांस कम होते हैं. आमतौर पर एक हवाई जहाज को 35 हजार फीट ऊंचाई उड़ाया जाता है और यहां पर हवा का दबाव भी कम होता है जिससे जहाज को उड़ने के लिए कम फोर्स लगाना पड़ता है. ज्यादा ऊंचाई पर उड़ने से हवाई जहाज में फ्यूल की बचत होती है.
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