Private Companies: विश्लेषक इस ट्रेंड को एक नया और सकरात्मक बदलाव मान रहे हैं. उनका मानना है कि बिना नई भर्तियां किए नए टैलेंट को खोजने पर जोर दिया जाना एक अच्छा काम है. हालांकि इस पर कई और मत भी सामने आए हैं मसलन यह कितने दिनों तक रहेगा और इसके जरिए जिन लोगों को नौकरी दी जा रही है, वह प्रक्रिया कितनी विश्वसनीय है.
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New Trend Of Quiet Hiring: दुनियाभर के कई देशों में मंदी की आहट के बीच पिछले कुछ समय से कंपनियां बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की छंटनी कर रही हैं. ये सिर्फ एक कंपनी में नहीं है बल्कि गूगल और मेटा जैसी दिग्गज कंपनियों से लेकर छोटी कंपनियां भी छंटनी कर रही हैं और कर्मचारियों पर गाज गिर रही है. इन सबके बीच हाल ही में एक नया ट्रेंड देखने को मिला है. इस ट्रेंड का नाम क्वायट हायरिंग यानि कि quiet hiring है. इसके जरिए कर्मचारियों को चुपचाप काम पर रखा जा रहा है. यह ट्रेंड उस ट्रेंड के बाद आया है जिसमें कंपनियां चुपचाप कर्मचारियों की छंटनी कर रही हैं.
'चुपचाप भर्ती' ट्रेंड कहा जा रहा
दरअसल, कुछ समय पहले फॉर्ब्स ने अपनी एक रिपोर्ट में इस ट्रेंड के बारे में चर्चा की थी. इसी बीच टेक्निकल कंसल्टिंग और रिसर्च कंपनी गार्टनर Gartner ने इस ट्रेंड को साल के नौ वर्कप्लेस ट्रेंड में से एक के रूप में नामित किया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसे 'चुपचाप भर्ती' ट्रेंड कहा जा रहा है और इसके माध्यम से कंपनियां कार्यरत लोगों को ही खाली पदों पर प्रमोट कर रही हैं. हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि इसके जरिए नए लोगों की भी भर्ती चुपचाप की जा रही है.
कंपनी के ही स्टाफ को प्रमोट!
असल में गार्टनर ने बताया कि पिछले साल यह ट्रेंड शुरू हुआ जो अब तेजी पकड़ रहा है. कंपनियों ने बिना नई भर्तियां किए नए टैलेंट को खोजने पर जोर दिया है. इसके तहत खाली जगहों पर कंपनी के ही स्टाफ को प्रमोट किया जा रहा है. इसमें कंपनियां अपने कर्मचारियों को नए स्किल सिखा रही हैं और अस्थायी तौर पर कर्मचारियों की भर्ती हो रही है. इस ट्रेंड की मदद से कंपनियां को मंदी में भी छंटनी से बचने का तरीका मिल जाता है.
स्किल का विस्तार करने का मौका
यह भी बताया गया है कि इसके जरिए कर्मचारियों को चुनौतीपूर्ण कार्यों पर काम करने और स्किल का विस्तार करने का मौका मिल रहा है. एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक दिग्गज कंपनी गूगल एक साल से ही ऐसी हायरिंग कर रहा है. अच्छी बात है कि गूगल ने पदों को भरने के लिए केवल आंतरिक उम्मीदवारों को ही नहीं देखा है बल्कि आउटसोर्स के जरिए भी बनाए हैं. बाहरी उम्मीदवारों पर विचार किया जाता है और इस दौरान आंतरिक कर्मचारियों के भी कार्यों के संतुलन पर भी ध्यान दिया जाता है.
हालांकि इस ट्रेंड को लेकर कई और चीजें बीच सामने आई हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसके बदले में कंपनियों को अतिरिक्त मुआवजे पर भी ध्यान देना होगा. बोनस या काम करने की लचीली स्थिति भी इसमें शामिल हैं. वहीं कुछ अन्य लोगों का कहना है कि यह बड़े पैमाने पर होना चाहिए और बाहरी उम्मीदवारों की भर्तियां की जानी चाहिए.
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