Nasa Experiment: ऐसा नहीं है कि इस नौकरी को पाना बहुत आसान है इसके लिए कई अन्य पैमाने भी हैं लेकिन वाकई में यह इतनी आकर्षक है कि सोशल मीडिया पर लोग इसमें काफी रूचि दिखा रहे हैं. लोग इतने उत्सुक हैं कि सोच रहे हैं कि काश यह नौकरी उनके पास होती तो कमाल हो जाता.
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Job of Spend Time on Bed: दुनियाभर में लोग अपनी जीविका चलाने के लिए नौकरी करते हैं या फिर अपना काम करते हैं. कई निजी कंपनियों में काम करने वाले लोग सोचते हैं कि उनको ऐसा काम मिले जो आराम दायक हो और जिसमें काफी पैसा हो. इन दिनों नासा की एक ऐसी ही नौकरी की चर्चा सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. इसका कारण यह है कि लोगों को आराम की नौकरी लग रही है.
सिर्फ बिस्तर पर लेटकर पैसा कमाना?
दरअसल, कुछ दिनों पहले अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने कुछ ऐसे लोगों के लिए वैकेंसी निकाली थी जो सिर्फ बिस्तर पर लेटकर पैसा कमाना चाहते हैं. इतना ही नहीं ऐसा करने के बदले एजेंसी की ओर से लाखों की सैलरी भी दी जाएगी. इसके बाद यह वायरल हो गई और लोग इसक बारे में ढूंढने लगे. लोगों ने बस इतना ही पढ़ा और यह नहीं पढ़ा कि बिस्तर पर लेटकर उन्हें और क्या क्या करने होंगे साथ ही भर्ती के और पैमाने क्या होंगे.
आर्टिफीशियल ग्रेविटी, बेड रेस्ट की स्टडी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यूरोपियन स्पेस एजेंसी और नासा का जर्मन एयरोस्पेस सेंटर पिछले काफी समय से आर्टिफीशियल ग्रेविटी बेड रेस्ट की स्टडी कर रहा है. इसके लिए वैज्ञानिक या एक्सपर्ट्स बिस्तर पर लेटे रहते हैं और उन्हीं के ऊपर ही यह प्रयोग किए जा रहे हैं. इसी शोध के लिए नासा ने पहले भी कई लोगों को भर्ती किया था. इस दौरान करीब दो महीने के कुछ लोग नासा की निगरानी में रहे.
सोशल मीडिया पर इस वैकेंसी की चर्चा
एक अन्य मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इसके लिए इन लोगों को करीब 18 हजार अमेरिकी डॉलर यानी लगभग 14 लाख रुपए दिए गए थे. यानी एक महीने के सात लाख रुपए दिए गए. इसमें यह देखा गया था कि आर्टिफिशियल ग्रैविटी मानव शरीर पर क्या असर डालती है. एक बार फिर से सोशल मीडिया पर इस वैकेंसी की चर्चा हो रही है, लेकिन इस बात की पुष्टि नहीं है कि क्या अब भी वह वैकेंसी निकाली गई है.
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