PM Maandhan Yojana: केंद्र सरकार ने असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले कामगारों के लिए प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना चलाई है. यह योजना बुढ़ापे में लोगों की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने में उनकी सहायता करती है. यहां जानें इसके बारे में...
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PM Shramyogi Mandhan Yojana: भारत के असंगठित श्रमिकों के लिए केंद्र सरकार प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना का संचालन कर रही है. इस योजना का मकसद असंगठित मजदूरों को वृद्धावस्था और सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराना है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक इस योजना के तहत देश भर में तकरीबन 42 करोड़ असंगठित कामगार हैं. यहां जानिए प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना के बारे में तमाम डिटेल्स...
स्वैच्छिक और अंशदायी योजना
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना के तहत कोई भी व्यक्ति इसमें पैसा लगा सकता है. अंशदायी योजना यानी कि इसमें आपको निवेश करना पड़ता है, जिसमें लाभार्थी की आयु 60 साल होने यानी मैच्योरिटी पीरियड के बाद उसे पेंशन के रूप में 3,000 रुपये हर महीने न्यूनतम सुनिश्चित राशि मिलेगी. वहीं, लाभार्थी की असामयिक मृत्यु होने पर उसकी पत्नी या पति को पारिवारिक पेंशन के रूप में 50 फीसदी पेंशन मिलेगी.
सरकारी पेंशन स्कीम
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना के तहत आवेदक 60 वर्ष की आयु के बाद हर महीने एक निश्चित पेंशन पाता है. इस योजना के तहत असंगठित कामगार ही अप्लाई कर सकते हैं.
योजना का लाभ लेने की मुख्य शर्तें
निवेश के लिए आयु सीमा 18 से 40 साल के बीच होनी चाहिए.
आवेदक की मंथली इनकम 15,000 रुपये या उससे कम कम होनी चाहिए.
आवेदक को किसी संगठित क्षेत्र में कार्यरत (ईपीएफओ/एनपीएस/ईएसआईसी का सदस्य) नहीं होना चाहिए.
आवेदन इनकम टैक्स के दायरे में नहीं आता हो.
आवेदन के लिए आधार कार्ड और आईएफएससी के साथ सेविंग बैंक अकाउंट/जन-धन अकाउंट नंबर होना जरूरी है.
ये रहा आवेदन करने का सबसे आसान तरीका
पीएम मानधन योजना के तहत आवेदन के लिए अपने नजदीकी सीएससी सेंटर पर जाना होगा. आपको खाता खुलवाने के लिए अपने साथ आधार, पासपोर्ट साइज फोटो, सेंविंग या जनधन खाता, बैंक पासबुक या चेक, बैंक स्टेटमेंट की फोटोकॉपी लेकर जाना होगा. शुरुआती योगदान राशि नकद में विलेज लेवल एंट्रोप्रिनियर (वीएलई) को दी जाएगी.
इन लोगों को मिलेगा लाभ
असंगठित श्रमिक जैसे घर पर काम करने वाले लोग, स्ट्रीट वेंडर, मिड-डे मील वर्कर, हेड लोडर, ईंट भट्ठा मजदूर, मोची, कूड़ा बीनने वाले, घरेलू कामगार, धोबी, रिक्शा चालक, भूमिहीन मजदूर, कृषि, निर्माण श्रमिक, बीड़ी, हथकरघा और चमड़ा श्रमिक या इसी तरह के अन्य व्यवसायों में काम करने वाले कामगार इस योजना के तहत अपना खाता खुलवा सकते हैं.