Palm Oil: फूड से लेकर कॉस्मेटिक्स में होता है पाम ऑयल का यूज, जान लीजिए इसके नुकसान
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Palm Oil: फूड से लेकर कॉस्मेटिक्स में होता है पाम ऑयल का यूज, जान लीजिए इसके नुकसान

Palm Oil Ke Nuksan: पिछले कुछ दशकों में पाम ऑयल का सेवन और यूज बढ़ा है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसकी वजह सेहत और समाज दोनों को कई तरह के नुकसान हो सकते हैं. 

Palm Oil: फूड से लेकर कॉस्मेटिक्स में होता है पाम ऑयल का यूज, जान लीजिए इसके नुकसान

Disadvantages Of Palm Oil : पाम ऑयल दुनियाभर में सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला वनस्पति तेल है, जो कई तरह के प्रॉसेस्ड फूड्स, कॉस्मेटिक्स और यहां तक कि जैव ईंधन में भी पाया जाता है. हालांकि यह किफायती और बहुमुखी है, लेकिन इसके सेवन से कई नुकसान भी जुड़े हुए हैं. मशहूर डाइटीशियन आयुषी यादव (Ayushi Yadav) ने बताया कि पाम ऑयल खाने के क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं.

1. सेचुरेटेड फैट का अधिक होना

पाम ऑयल में सेचुरेटेड फैट काफी ज्यादा होता है, जो ब्लड फ्लो में बैड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकता है. हाई एलडीएल दिल की बीमारियों और स्ट्रोक का कारण बन सकत हैं. यही वजह है कि हमें पाम ऑयल से परहेज करना चाहिए.

2. पर्यावरण के स्थिरता पर असर

पाम ऑयल के उत्पादन को उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में वनों की कटाई, हैबीटैट डिस्ट्रैक्शन और जैव विविधता के नुकसान से जोड़ा गया है.यह एनवायरनमेंटल डिग्रेडेशन जलवायु परिवर्तन में योगदान देता है और वनमानुष और सुमात्रा के बाघों जैसी लुप्तप्राय प्रजातियों के अस्तित्व को खतरा है.

3. प्रोसेसिंग को लेकर चिंताएं

पाम ऑयल के रिफाइनिंग प्रॉसेस में अक्सर उच्च तापमान और केमिकल सॉलवेंट का उपयोग शामिल होता है, जिससे ट्रांस फैट और 3-MCPD एस्टर जैसी हानिकारक यौगिकों का निर्माण हो सकता है. इन कंपाउंड्स को प्रतिकूल स्वास्थ्य प्रभावों से जोड़ा गया है, जिसमें कैंसर और अंगों को नुकसान का खतरा बढ़ना शामिल है.

 

4. पोषक तत्वों की कमी

जबकि पाम ऑयल में विटामिन ई और बीटा-कैरोटीन होता है, रिफाइनिंग प्रॉसेस उनके स्तर को काफी कम कर सकता है. जो लोग भारी मात्रा में पॉम ऑयल में बने फूड्स का सेवन करते हैं उनके शरीर में कई तरह के न्यूट्रिएंट्स की कमी हो सकती है

5. जनजातियों पर सामाजिक असर

पाम ऑयल के प्रोडक्शन की वजह से कई स्थानीय जनजातियों पर सामाजिक दुष्प्रभाव पड़ता है, कई बार उनकी पैतृक भूमि से विस्थापित होना पड़ता है, या फिर उनकी जमीन पर अतिक्रमण होता है, जो बाद में संघर्ष और मानवाधिकारों के हनन का कारण बनता है.
 

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

 

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