Punishment: अगर बेजुबान को किया परेशान तो भगवान नहीं कानून देगा कड़ी सजा, जानिए पशुओं के अधिकार
Advertisement

Punishment: अगर बेजुबान को किया परेशान तो भगवान नहीं कानून देगा कड़ी सजा, जानिए पशुओं के अधिकार

Animals Act: आए दिन पशुओं को होने वाली तकलीफों के बारे में तो लोग बेखबर है ही, उनके साथ क्रूरता करने पर होने वाली सजा को लेकर भी जागरूक नहीं है. 'Job के साथ कॉम्पिटिटिव ज्ञान' में जानेंगे इन प्रावधानों के बारे में...

Punishment: अगर बेजुबान को किया परेशान तो भगवान नहीं कानून देगा कड़ी सजा, जानिए पशुओं के अधिकार

Job Ke Sath Competitive Exam: अगर आप भी वर्किंग है, लेकिन काम के साथ-साथ महत्वपूर्ण खबरों को भी जानना चाहते हैं, तो आपके लिए हम लेकर आए हैं 'Job के साथ कॉम्पिटिटिव ज्ञान'  की सीरीज. इस सीरीज में आपको किसी न किसी खास मुद्दे पर जानकारी मिलेगी. 

तमिलनाडु के लोकप्रिय खेल जल्लीकट्टू की शुरुआत 8 जनवरी से हो चुकी है. ये खेल दशकों से खेला जा रहा है. इसमें सांडों को कई तरह से यातनाओं और क्रूरता का शिकार होना पड़ता है. इसमें नशा, सांड की आंखों में नींबू निचोड़ना, जानवर को पूंछ से खींचना, भाले से पीटना और कूबड़ पर वशीकरण करना आदि शामिल है. हालांकि, तमिलनाडु सरकार ने बैलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई इतंजाम किए हैं. इसमें डबल बैरिकेडिंग, पशु चिकित्सकों द्वारा बैलों की स्क्रीनिंग करना आदि शामिल है. आज की चर्चा में इस आर्टिकल के जरिए हम पशु क्रूरता के संबंध में जरूरी बातें बताने जा रहे हैं. 

अक्सर हमारे सामने पशुओं के साथ क्रूरता के मामले आते रहते हैं. चाहे वह सड़क पर रहने वाले जानवर हो या पेट्स सभी को लोगों की क्रूरता झेलनी पड़ती है. हालांकि, पशुओं के प्रति क्रूरता को लेकर सख्त कानून बनाए गए हैं, लेकिन लोग इनसे अनजान है. इसी के चलते वो अनजाने में ऐसी गलती कर बैठते हैं, जिसके लिए कड़ी सजा भुगतनी पड़ती है. 

इस गलती की मिल सकती है बड़ी सजा

कई बार बच्चे यहां तक भी कि बड़े भी गली, मोहल्ले के आवारा कुत्तों से इस हद तक परेशान हो जाते हैं उनके साथ क्रूरता कर बैठते हैं. चलिए ये मान भी लें के बच्चे तो नासमझ होते हैं, लेकिन समझदार लोग भी ऐसी गलती कर बैठते हैं. आपको बता दें कि ऐसे मामलों में केस दर्ज हो जाते हैं. कई मामलों में तो युवाओं को सरकारी नौकरी से भी हाथ धोने पड़े हैं.  

पशु क्रूरता से जुड़े कुछ किस्से
मध्य प्रदेश के भोपाल में एक निर्दयी कार चालक ने कुत्ते के तीन बच्चों पर कार चढ़ा दी. सीसीटीवी फुटेज में आरोपी जानबूझकर पिल्लों पर कार चढ़ाते हुए नजर आया था. इसी तरह इंदौर में कैंची से कुत्ते के बच्चे का कान काटने का मामला सामने आया था. आरोपी ने अफसरों के सामने बताया कि वह नशे में था. उसने मजाक में डॉगी के बच्चे के साथ यह हरकत कर दी थी. वहीं, ग्वालियर में एक शख्स ने दहशत दिखाने के लिए कुत्ते के पांच बच्चों की हथौड़े से पीट-पीटकर हत्या कर दी. सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस को घटनास्थल पर खून से सना हुआ हथौड़ा मिला था.  

पालतू पशुओं के लिए प्रावधान 

पीसीए एक्ट की धारा 11 के तहत अगर किसी भी जानवर का कोई मालिक है, तो यह आईपीसी की धारा 428, 429 के तहत आता है. 
धारा 428 : पशुओं को मारना, जहर देना या उसे अपाहिज करने पर 2 साल की कैद/अर्थदंड या फिर दोनों दिया जा सकता है.
धारा 429 : पशुओं को जान से मार डालना, जहर देना या अपाहिज कर देने पर 5 साल की सजा/अर्थदंड या फिर दोनों हो सकता है.
अगर कोई मालिक अपने पालतू जानवरों को पर्याप्त भोजन, पेय या आश्रय प्रदान करने में विफल रहता है, तो यह पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 की धारा 11 (1) (एच) के अनुसार एक दंडनीय अपराध है.

आवार पशुओं के लिए प्रावधान 

धारा 11 के अनुसार, पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 कहता है कि किसी जानवर को छोड़ना, उसे ऐसी स्थिति में छोड़ना कि उसे भूख या प्यास के कारण दर्द होता है, एक दंडनीय अपराध है.
पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 (पीसीए एक्ट, The Prevention of Cruelty to Animals Act, 1960) के तहत पशुओं के साथ क्रूरता किए जाने पर 10 रुपये से लेकर 50 रुपये तक जुर्माना या फिर 3 महीने की सजा का प्रावधान है.
किसी भी जानवर को भारी जंजीर या डोरी से लंबे समय तक बांधकर रखना उसके साथ क्रूरता की श्रेणी में आता है. इसके लिए जुर्माना/3 महीने तक की कैद या दोनों का प्रावधान है.

Disclaimer: अगर आप कॉम्पीटिशन एग्जाम की तैयारी कर रहे हैं या जॉब के साथ-साथ डीप नॉलेज हासिल करना चाहते हैं, तो ऐसी खबरों के लिए हमारे साथ बने रहिए... 

 

Trending news