Aadat Hai Badal Dalo: वर्क लाइफ (Wok Place) में स्ट्रेस होना बेहद आम बात है, लेकिन ये काम का तनाव जब हमारी पर्सनल लाइफ (Personal Life) पर हावी होने लगे तो जीवन बहुत बोझिल होने लगता है. ओवरऑल वेलनेस में बेहतर करने के लिए जानें कुछ टिप्स...
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आदत है, बदल डालो: हर कोई एक सुकून भरी लाइफ जीना चाहते हैं, लेकिन इस स्ट्रेसफुल और बिजी लाइफ में ऐसा होना लगभग नामुमकिन ही लगता है. स्ट्रेस लाइफ का एक सा सामान्य हिस्सा है, लेकिन अगर इसे मैनेज करना नहीं आता तो पूरी लाइफ पर इसका असर पड़ता है. हालांकि, थोड़ी कोशिश करें तो सुकून भरा जीवन पाना हमारे बस में है.
अगर आपकी भी आदत है किसी भी तरह के तनाव को अपने पर हावी होने देना और खुद को इग्नोर करना तो यह आपके लिए बेहद हानिरकारक है. आज 'आदत है, बदल डालो' (Aadat Hai Badal Dalo) में जानें कि कैसे इन छोटे-छोटे आसान टिप्स को अपनाकर आप खुद का ख्याल रख सकते हैं.
स्ट्रेस मैनेजमेंट
स्ट्रेस मैनेजमेंट सुकून भरी लाइफ जीने के लिए जरूरी है. अपने जीवन में स्ट्रेस के कारणों की पहचान करें और उनसे निपटें. याद रखें आपको एक-एक कर इन कारणों से निपटना होगा, क्योंकि एक साथ कुछ भी करना मुश्किल भरा ही होता है.
स्ट्रेस मैनेजमेंट के ये टिप्स बेहद काम आएंगे
रोज एक्सरसाइज करें
मेडिटेशन
डायरी राइटिंग
हंसना-हंसाना
हर एक फ्रेंड जरूरी होता है
हमारी मेंटल और इमोशनल हेल्थ के लिए कुछ बेहतरीन और पॉजिटिव रिश्ते बहुत मायने रखते हैं. ऐसे लोगों के बीच रहें जो हेल्पफुल नेचर के होने के साथ ही समझदार और पॉजिटिव हों. दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताएं. अपने रिश्तों को मजबूत करने की कोशिश करें.
सेल्फ केयर
दूसरों की केयर करना अच्छी बात है, लेकिन खुद की केयर करना बहुत जरूरी है. जो चीजें करने में आपको अच्छा फील होता है, उनके लिए वक्त निकालें, जैसे कि किताबें पढ़ना, टहलना या योग करना, खाना पकाना, टूर पर जाना आदि शामिल है. अपनी फिजिकल और मेंटल हेल्थ को सबसे ऊपर रखे, उसे नजरअंदाज न करें. सुनिश्चित करें कि आप अच्छा खा रहे हैं. अपने दिमाग और शरीर को आराम देने के लिए पर्याप्त नींद जरूर लें.
माइंडफुलनेस
माइंडफुलनेस किसी पल में मौजूद रहने, अपने विचारों और भावनाओं पर ध्यान देने का अभ्यास है. अपनी सांसों पर फोकस करने के लिए हर दिन कुछ मिनट निकालें. बिना किसी निर्णय के माइंडफुलनेस की प्रैक्टिस करें.
ग्रेटिटयूड दिखाएं
जो आपके पास है उसे सराहें. जिन चीजों के लिए आप आभारी हैं, उन पर विचार करने के लिए रोज समय निकाले. आपके पास जो भी है, उसके लिए ईश्वर या प्रकृति को धन्यवाद दें. एक 'आभार पत्रिका या ग्रेटिटयूड जर्नल' मेंटेन करें, जिसमें हर दिन उन चीजों को लिखें, जिनके लिए आप आभारी हैं.
बेवजह की फिक्र न करें
यह समझना जरूर है कि जो आपके कंट्रोल में नहीं, उन चीजों की चिंता करने से क्या ही फायदा होगा. ऐसी चीजें जिन्हें आप नियंत्रित नहीं कर सकते, उन्हें जाने देना तनाव को कम करने में बहुत मदद कर सकता है.